योगी आदित्यनाथ ने रचा उत्तरप्रदेश में नया इतिहास, बंपर जीत के साथ तोड़े कई पुराने रिकॉर्ड

बीजेपी के लिए योगी ही उपयोगी योगी आदित्यनाथ ने रचा उत्तरप्रदेश में नया इतिहास, बंपर जीत के साथ तोड़े कई पुराने रिकॉर्ड

Bhaskar Hindi
Update: 2022-03-10 05:31 GMT
योगी आदित्यनाथ ने रचा उत्तरप्रदेश में नया इतिहास, बंपर जीत के साथ तोड़े कई पुराने रिकॉर्ड

डिजिटल डेस्क, लखनऊ।  भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर सत्ता पर काबिज है। सरकार बनाने में कामयाबी के बाद बीजेपी ने कुछ और नए इतिहास रच दिए हैं। अकेले सीएम योगी आदित्यनाथ के नाम चार रिकॉर्ड दर्ज हो गए हैं। इसके साथ कई मिथक भी तोड़े हैं। 18 साल में यह पहली बार है, जब किसी मुख्यमंत्री ने विधानसभा चुनाव लड़ा। इससे पहले 2003 में सीएम रहते हुए मुलायम सिंह यादव ने मैनपुरी से चुनाव लड़ा था। इस बार सीएम योगी गोरखपुर से चुनावी मैदान में हैं।


पांच साल का कार्यकाल पूरा कर फिर से सत्ता पाने वाले पहले सीएम

भारतीय जनता पार्टी  की जीत के बाद यह तय है कि योगी आदित्यनाथ ही फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे। अगर ऐसा हुआ तो आजादी के बाद उत्तर प्रदेश में ऐसा पहली बार होगा, जब कोई सीएम अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद दोबारा सत्ता संभालेगा । उत्तर  प्रदेश के 70 साल के इतिहास में ऐसा अभी तक नहीं हुआ है । 

पहले ऐसे नेता जो विधायक रहते हुए बनेंगे सीएम

अखिलेश यादव  से लेकर मायावती और खुद योगी आदित्यनाथ तक विधान परिषद के जरिए मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे। मतलब इनमें से कोई भी नेता विधायक रहते हुए सीएम नहीं बना। 2003 में मुलायम सिंह यादव गुन्नौर से मुख्यमंत्री रहते हुए चुनाव लड़े । चुनाव जीतने के बाद वह विधायक बने और फिर 2007 तक सीएम की सत्ता संभाली। 2007 बिना चुनाव लड़े मायावती मुख्यमंत्री बनीं। 2012 में अखिलेश यादव और 2017 में योगी आदित्यनाथ भी विधान परिषद के रास्ते ही मुख्यमंत्री बने। इस बार योगी आदित्यनाथ खुद चुनाव लड़े हैं और जीत के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पहुंचने वाले हैं। 

दूसरी बार शपथ लेने वाले पहले सीएम

2017 में योगी आदित्यनाथ सीएम बने ।  वह 1985 के बाद ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं, जो लगातार दूसरी बार सत्ता में आए हैं। इससे पहले तक यूपी रोटी पलट चुनाव के लिए मशहूर था। 1985 के बाद यहां कभी एक के बाद दूसरे चुनाव में उसी पार्टी को सरकार बनाने का मौका नहीं मिला।

तोड़ दिया ये मिथक

यूपी को लेकर एक बहुत बडा मिथक यह माना जाता है की नोएडा जाने वाले मुख्यमंत्री की कुर्सी सुरक्षित नहीं रहती है। और  उसकी सत्ता में वापसी नहीं होती। इस कारण कई पूर्व मुख्यमंत्री कुर्सी पर रहते हुए नोएडा जाने से बचते रहे। योगी आदित्यनाथ ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जो नोएडा जाने से डरने के बजाय वहां कई बार गए। 

 


 

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