’उद्योगों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने में चुनौतियां’ विषय पर वेबिनार आयोजित
’उद्योगों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने में चुनौतियां’ विषय पर वेबिनार आयोजित
डिजिटल डेस्क, जयपुर। ’उद्योगों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने में चुनौतियां’ विषय पर वेबिनार आयोजित उद्यमियों को व्यापार में सरलीकरण की सुविधा प्रदान करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध -उद्योग मंत्री। राज्य सरकार ईओडीबी की सुविधा (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) उपलब्ध कराने और उद्योगों को प्रतिस्पर्धी बनाने में उद्यमियों की मदद करने को लेकर प्रतिबद्ध है। यह बात उद्योग मंत्री श्री प्ररसादी लाल मीणा ने मंगलवार को यहां ’उद्योगों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने में चुनौतियां’ विषय पर आयोजित वेबिनार को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। वेबिनार का आयोजन फिक्की, राजस्थान स्टेट काउंसिल द्वारा इंडियन एनर्जी एक्सचेंज लिमिटेड के सहयोग से किया गया। उद्योग मंत्री ने वेबिनार में बताया कि सरकार ने राज्य में सिंगल विंडो सिस्टम स्थापित किया गया है। इसमें 14 विभाग के अधिकारी उद्योगों से संबंधित 100 विभिन्न क्षेत्रों में अनुमति प्रदान कर रहे हैं। उद्यमी विभिन्न कार्यालयों के चक्कर लगाने के बजाय एमएसएमई राज पोर्टल के माध्यम से आसानी से स्वीकृति प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019-2020 के दौरान रीको को ई-ऑक्शन के माध्यम से औद्योगिक भूखंडों की नीलामी से 1400 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ है। वेबिनार में राजस्थान ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री रोहित गुप्ता ने कहा कि बिजली की लागत उद्योगों की समग्र लागत का एक प्रमुख निवेश और उद्योगों की संपूर्ण लागत में एक प्रमुख इनपुट है। बिजली डिस्कॉम की वित्तीय स्थिति के कारण अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में बिजली की लागत अधिक है, जो कि राज्य के कंज्यूमर मिक्स से जुड़ा हुआ है। विभाग संपूर्ण खरीद लागत को कम करने के लिए छूट का उपयोग, जनरेटर को समय पर भुगतान करना, थर्मल प्लांटों की परिचालन दक्षता आदि जैसे क्षेत्रों पर गौर करने की योजना बना रहा है। इस अवसर पर बिजनेस डवलेपमेंट एंड एसवीपी, इंडियन एनर्जी एक्सचेंज के हेड श्री रोहित बजाज ने कहा कि राजस्थान में उद्योग 7 से अधिक वर्षों के लिए दीर्घकालिक, मध्यम अवधि 1 वर्ष से 5 वर्ष तक तथा 1 वर्ष तक के लिए अल्पावधि जैसे बिजली खरीद के विकल्पों का लाभ उठा सकते हैं। वेबिनार में पार्टनर, डेलॉयट, श्री अनुजेश द्विवेदी ने कहा कि ओपन एक्सेस सस्ती बिजली खरीदने का एक विकल्प है। यह उपभोक्ताओं को बिजली जनरेटर, ट्रेडर्स अथवा एक्सचेंज से सीधे बिजली खरीदने की सुविधा देता है। राजस्थान में, ओपन एक्सेस से उत्पन्न होने वाले रोजगार के अतिरिक्त अवसरों और जीडीपी में वृद्धि से राज्य के रेवेन्यू पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसके अतिरिक्त राजस्थान औद्योगिक विकास नीति 2019 के तहत ओपन एक्सेस से संबंधित प्रावधानों को लागू करने के लिए एक रोड मैप स्थापित करने की भी आवश्यकता है। इससे पहले फिक्की, राजस्थान स्टेट काउंसिल के चेयरमैन एवं कजारिया सिरेमिक्स लिमिटेड के सीएमडी श्री अशोक कजारिया ने कहा कि कोविड के बाद औद्योगिक गतिविधियां फिर से शुरू होने के साथ ही मंदी से लड़ने और राज्य में नए निवेश आकर्रि्षत करने की आवश्यकता है। इसके लिए, ऑपरेटिंग लागत में कमी, विशेष रूप से बिजली की लागत को कम करने से उद्योगों के विकास में मदद मिल सकती है।