विधायकों की बाड़ाबंदी: हाईकमान पर दबाव बनाने की कोशिश नाकाम? विधायकों की बाड़ाबंदी के आरोप पर वसुंधरा राजे हुईं सफाई देने पर मजबूर, नड्डा से बैठक के बाद दिया बड़ा बयान

  • राजस्थान बीजेपी में सीएम पद को लेकर घमासान
  • वसुंधरा राजे के बेटे पर लगा विधायक छिपाने को आरोप

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-08 09:36 GMT

डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान का रण भारतीय जनता पार्टी ने जीत लिया है लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर पार्टी के अंदर घमासान मचा हुआ है। आलाकमान को यहां सीएम के लिए एक चेहरा चुनना कठिन होता हुआ दिखाई दे रहा है। एक पद लेकिन अनेकों दोवेदारी ठोक रहे हैं। इस बीच राजस्थान के एक बीजेपी विधायक के पिता ने पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के बेट दुष्यंत सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने पांच विधायकों को जबरन रिजॉर्ट में बंद कर के रखा है।

बीजेपी विधायक के पिता के इस आरोप के बाद राजस्थान से लेकर दिल्ली तक की सियासत गरमा गई है। राजनीति गरमाता देख प्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष सीपी जोशी को बीच बचाव के लिए आना पड़ा है। उन्होंने कहा कि, जो आरोप लगाए गए हैं वो किसी तरह से सच नहीं है। राजे ने कहा है कि वो पार्टी के खिलाफ किसी तरह की कोई कदम नहीं उठाएंगी जिससे बीजेपी असहज हो सके।

आरोप लगाने वाले हैं कौन?

वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह पर आरोप लगाने वाले बीजेपी के विधायक रह चुके हैं। इनका नाम हेमराज मीणा है जो भाजपा से पूर्व में विधायक रह चुके हैं। फिलहाल इनके बेटे ललित मीणा किशनगंज से विधायक हैं।

इन विधायकों को रिजॉर्ट में रखने का आरोप

कंवरलाल

कंवरलाल मीणा अंता विधानसभा सीट से विधायक हैं। इस बार इन्होंने कांग्रेस के प्रमोद जैन को हराया है। 2018 में इन्हें मुंह की खानी पड़ी थी।

राधेश्याम बैरवा

राधेश्याम बैरवा पेशे से ट्रेलर हैं। मौजूदा समय में बारां अटरू से विधायकी जीत कर विधानसभा पहुंचे हैं। बीजेपी ने जब इन्हें टिकट दिया था तो इनकी खूब चर्चा हुई थी। सामान्य जिंदगी जीने वाले बैरवा जिला मंत्री हैं और इनकी पत्नी पार्षद हैं।

कालूराम मेघवाल

कालूराम मेघवाल डग विधानसभा सीट से विधायक हैं। ये सीट अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है। मेघवाल ने कांग्रेस के चेतराज गहलोत को हराकर जीत हासिल की है। पिछले विधानसभा सीट में भी इन्होंने जीत दर्ज की थी।

गोविंद प्रसाद

मनोहर थाना विधानसभा सीट से बीजेपी के गोविंद प्रसाद चुनाव जीते हैं। इन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी कैलाश चंद को हराया है। गोविंद प्रसाद को 85,304 वोट मिले थे। जबकि निर्दलीय प्रत्याशी कैलाश चंद को 60,439 वोट मिले थे। बता दें कि, साल 2018 के चुनावी मुकाबले में यह सीट भाजपा के प्रत्याशी गोविंद प्रसाद ने ही जीती थी। लगातार दूसरी बार गोविंद प्रसाद ने ये सीट अपने नाम की है।

ललित मीणा

ललित मीणा किशनगंज से विधायक हैं। ललित मीणा के पिता हेमराज मीणा भी विधायक रह चुके हैं। इस चुनाव में इन्होंने कांग्रेस की निर्मला सहारिया को मात दी है। ललित को 84,155 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला को 65,868 वोट मिले थे।

क्या है आरोप?

किशनगंज से भाजपा विधायक ललित मीणा के पिता हेमराज मीणा ने आरोप लगाया, "4 दिसंबर को वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत उनके बेटे को वसुंधरा से मिलवाने के नाम पर ले गए, लेकिन मुलाकात के बाद उन्हें जयपुर के बाहरी इलाके में एक रिजॉर्ट में छोड़ दिया। ललित बाद में पार्टी कार्यालय जाना चाहते थे लेकिन उन्हें ऐसा करने से रोक दिया गया।" भाजपा विधायक के पिता ने आगे आरोप लगाया, "वह ललित को लेने रिजॉर्ट पहुंचे लेकिन कुछ लोगों ने मुझे भी रोक लिया। वहां 5-10 लोग थे जिन्होंने कहा कि वे मुझे अंदर नहीं जाने देंगे, लेकिन मेरे पास भी 10-15 लोग थे इसलिए मैं अपने बेटे को वापस लाने में कामयाब रहा।" उन्होंने आगे आरोप लगाया कि रिजॉट में झालवाड़ और बारां के पांच और विधायक मौजूद थे जहां से खूद वसुंधरा राजे विधायक हैं।

हेमराज ने आरोप लगाया कि कंवरलाल इस पूरे भूमिका के केंद्र में है। उसने ही अंदर जाने से मुझे रोका और झगड़ा करने की पूरी कोशिश की थी। मीणा ने दावा किया कि, कंवरलाल कह रहा था कि अगर ललित को ले जाना है तो सबसे पहले दु्ष्यंत सिंह से बात करनी पड़ेगी। इसके बाद मैंने राजे के बेटे दुष्यंत को कॉल किया लेकिन उन्होंने कॉल नहीं उठाया।

कंवरपाल ने दिया आरोपों का जवाब

कंवरपाल ने खुद पर लगे आरोप को लेकर कहा कि, दुष्यंत सिंह का नाम खराब करने की साजिश रची जा रही है। जीत के बाद हम रैली निकालकर राजधानी पहुंचे थे। जहां एक होटल में विश्राम करने के लिए रुके। इसी होटल में बाकी विधायकों ने भी रुकना उचित समझा, किसी के दवाब में आकर उन्होंने यहां शरण नहीं लिया था। कंवरपाल ने आगे कहा कि, 5 दिसंबर की रात करीब 2:30 बजे 30-40 लोग रिजॉर्ट में आए और ललित के बारे में पूछा। लेकिन मैं उन्हें नहीं जानता था, इसलिए पहले उन्हें रोका, हालांकि बाद में ललित के पिता को देखकर मैंने उसे जाने दिया।

पूरे मामले पर वसुंधरा की सफाई

वहीं इस पूरे सियासी ड्रामे पर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का बयान भी सामने आया है। उन्होंने बेटे पर लगे आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि, ये केवल छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं वो सच्चाई से कोसों दूर हैं।

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