राजस्थान का किंग कौन: राजस्थान की राजनीति में अचानक से अनिता भदेल का आया नाम, सीएम दावेदारों की लिस्ट में बनाई जगह, जानिए कौन हैं?

  • राजस्थान की राजनीति में गहमागहमी शुरू
  • आज सीएम का नाम का एलान संभव

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-12 06:07 GMT

डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान में नए मुख्यमंत्री को लेकर आज शाम 4 बजे विधायक दल की बैठक होने वाली है। इससे पहले राजस्थान की राजनीति में एक नाम अचानक आने से प्रदेश की सियासत गरमा गई है। राजस्थान में सीएम की रेस में सबसे आगे वसुंधरा राजे, बाबा बालकनाथ, गजेंद्र सिंह शेखावत समेत कई नाम सामने आ रहे हैं। इसी लिस्ट में अब अनिता भदेल का नाम भी जुड़ गया है। राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं हैं कि जिस तरह मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में तमाम दिग्गजों को भाजपा आलाकमान ने दरकिनार करते हुए नए चेहरों को कमान सौंपी वही फॉर्फूला राजस्थान में भी पार्टी अपना सकती है।

सियासी पंड़ितों का कहना है कि जिस तरह पिछले दिनों बीजेपी की रणनीति देखी गई, हो सकता है कि राजस्थान की सियासत में कुछ ऐसा ही देखने को मिल जाए। कुछ जानकारों का यहां तक मानना है कि भाजपा के इस नए प्रयोग में अनिता भदेल की लॉटेरी लग सकती है। जिसके पीछे की कई वजह भी है।

बीजेपी की क्या है स्ट्रेटजी?

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि मध्य प्रदेश में ओबीसी सीएम और छत्तीसगढ़ में आदिवासी समुदाय से आने वाले नेता को मुख्यमंत्री के लिए चुना गया जिसका साफ मकसद आगामी लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करना है क्योंकि इन प्रदेशों में जिस जाति के सीएम बीजेपी बनाने जा रही है उस समुदाय के वोटर्स की संख्या बहुत है। एमपी और छत्तीसगढ़ के तर्ज पर ही पार्टी राजस्थान के नए सीएम का एलान कर सकती है। खबरें ये भी हैं कि बीजेपी राजस्थान में सीएम के लिए किसी महिला को चुन सकती है ताकि राज्य की आधी महिला आबादी को साधा जा सके।

कौन हैं अनिता भदेल?

अनिता भदेल भाजपा की अनुभवी नेता हैं और वो पांच बार से प्रदेश के अजमेर दक्षिण से विधायक हैं। भदेल की राजनीति करियर विवादों से दूर रहा है। अनिता को साल 2022 में राजस्थान विधानसभा से सर्वश्रेष्ठ विधायक का खिताब मिल चुका है जो उनकी साफ छवि को दर्शाता है। अनिता को लेकर कहा जाता है कि वो हर दिन अपने आवास पर जनता दरबार लगाती हैं और लोगों की समस्या का समाधान करती हैं। जिसकी वजह से प्रदेश में उनकी साफ छवि है।

राजे, अनिता या कोई और

सीएम दावेदारों में वसुंधरा राजे का नाम भी शामिल है। राजे को तीन दर्जन से अधिक विधायकों का समर्थन है। जिसकी वजह से पार्टी आलाकमान पर दबाव बनाने की भी कोशिश कर रही हैं। लेकिन दिल्ली से ऐसा कोई हिंट नहीं दिया गया है कि राजे को ही प्रदेश की कमान सौंपी जाएगी। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में जिस तरह भाजपा ने तमाम दिग्गजों को अलग कर नए नेताओं को सीएम और डिप्टी सीएम पद की कमान सौंपी है वैस देखकर तो लगाता है कि शायद राजस्थान में भी बीजेपी यही ट्रेंड रखने वाली है और राजे की जगह अनिता को राजस्थान की कमान सौंप दें। ऐसा संभव भी है कि इन दोनों के अलावा तीसरे के नाम पर भी पार्टी मुहर लगा सकती है।

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