वैनगंगा ने दिखाया रौद्रावतार, मचा हाहाकार
भंडारा वैनगंगा ने दिखाया रौद्रावतार, मचा हाहाकार
डिजिटल डेस्क, भंडारा। जिले में पिछले तीन दिनों तक हुई लगातार मूसलाधार बारिश व मध्यप्रदेश के संजय सरोवर प्रकल्प से छोड़े जा रहे निरंतर पानी के कारण वैनगंगा नदी में बाढ़ आई है। सोमवार, 15 अगस्त को दूसरी बार नदी में बाढ़ आने से जिले में हालात और अधिक खराब हुए है। इसके पूर्व चार दिन पहले 11 अगस्त को नदी में बाढ़ आयी थी। आमतौर पर 20 से 24 घंटे में घटने वाला जलस्तर दूसरी बार आयी बाढ़ के कारण 30 घंटे बाद भी स्थिर है। जिससे जिले में जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हुआ है। वहीं क्षेत्र में हजारों हेक्टेयर जमीन बाढ़ के पानी में समा गई हैं, तो भंडारा के 80 से अधिक मार्गों की यातायात ठप है, ऐसे में भंडारा के कस्तूरबा गांधी वार्ड, टप्पा मोहल्ला, कपिल नगर, ग्राम गणेशपुर, ग्राम दाभा के गणेश नगरी समेत आदि स्थानों में बड़े पैमाने पर जलजमाव होने से नागरिकों को एसडीआरएफ तथा जिला शोध व बचाव दल से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। खबर लिखे जाने तक कुल 658 परिवारों के 2041 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहंुचाया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार भंडारा जिले में 13 अगस्त की रात्रि से मूसलाधार बारिश का सिलसिला शुरू हुआ, जो 16 अगस्त की सुबह तक जारी रहा। इस दौरान 15 अगस्त को एक ही दिन में जिले में 572.8 मि.मी. बारिश दर्ज की गई। इस बीच मध्यप्रदेश के राजीव सागर बांध, गोंदिया के धापेवाडा, पुजारीटोला तथा भंडारा के बावनथडी प्रकल्प से लगातार वैनगंगा नदी में पानी छोड़ा जा रहा है। इससे वैनगंगा नदी ने रौद्ररूप धारण किया है।
कारधा में वैनगंगा का 245.50 मीटर जलस्तर खतरनाक माना जाता है, जो मंगलवार को वैनगंगा नदी का यहा मंगलवार 16 अगस्त को 280 टर से अधिक जलस्तर बना रहा। इस बाढ़ ने भंडारा शहर समेत मोहाडी व तुमसर तहसील के कई गांवों को जलमय कर दिया। नदी, तालाब, नालो का पानी गांव, खेतों में समाने लगा। तुमसर तहसील में बावनथडी नदी पर बाढ़ आने से मध्यप्रदेश से जिले का संपर्क टूट गया है। रविवार व सोमवार की रात्रि भंडारा शहर के विविध परिसर के लोगों को जगह जगह स्थानांतरित कर दिया गया। बीटीबी बाजार के पास वाला कस्तूरभा वार्ड की जुग्गी झोपडियों में रहने वाले आठ परिवारों को कस्तूरबा गांधी समाज भवन में स्थानांतरित किया गया है। उसी तरह मोहाड़ी तहसील के मुंढरी बु. गांव के पास मौजुद कुंभार टोला के नागरिकों को मंगलवार सुबह से गांव की जिला परिषद स्कूल में स्नांनातरित करना शुरू किया गया। 15 अगस्त की शाम को लाखनी तहसील के रामपुरी गांव के तालाब की मिट्टी की दीवार ढह गई। हालांकि यहा पर किसी तरह का नुकसान नही हुआ।
तुमसर तहसील के अनेक गांव घिरे बाढ़ से : तुमसर (भंडारा)| लगातार तीन दिनों तक हुई बारिश से वैनगंगा नदी ने खतरे के निशान को पार करते ही अनेक ग्रामों में बाढ का पानी घुस गया। तहसील के अनेक ग्रामों का तीन दिनों से संपर्क तुट गया है। तुमसर तहसील में बाढ का सर्वाधिक प्रभाव नदी तट पर बसे ग्रामों पर हुआ है। ग्रामों में पानी घुसने से नागरिकों की मुसिबते थमने का नाम नही ले रही है। वहीं खेत पानी में डूबने से किसान परेशान है। नदी तट पर बसे माडगी, बाम्हणी, ढोरवाडा, चारगांव, बोरी, उमरवाडा, नवरगांव, मुंढरी आदि गांवों में पानी घुसने से गांव के नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुचाया गया। कुछ नालों पर बने पुल से पानी बह रहा है। ऐसे में ग्रामीण परिसर के नागरिकों की आवाजाही ठप हो गई है। हजारों एकड़ खेत पानी के निचे चले जाने से किसानों के सामने कई चुनौतियां निर्माण हुई है।
बाढ़पीडि़तों के लिए लगाए गए अलग-अलग जगह कैम्प
बाढ़ में अटके कारधा, गणेशपुर, भोजापुर, सालेबर्डी, दाभा, कोथुर्णा, दवडीपार, करचखेडा, पिंडकेपार, कोरंभी, लावेश्वर, खमारी तथा भंडारा शहर के ग्रामसेवक कॉलोनी, टप्पा मोहल्ला, मेंढा बायपास तथा दाभा के गणेशनगरी के बाढ पीडितों को स्थानांतरित किया गया है। प्रकाश हाईस्कूल कारधा, जिला प्राथमिक शाला कारधा, जिला परिषद शाला गमेशपुर, ग्रामपंचायत कार्यालय के सभागृह, समाज मंदिर, सालेबर्डी, लावेश्वर, खमारी के जिला परिषद शाला, हेतर समाज मंदिर, भंडारा के नगर परिषद गांधी विद्यालय, कहार समाज मंदिर में रखा गया।