मुखबिरी के शक में ग्रामीण की हत्या, गांव के बाहर मिला शव
मलाजखंड के जगला की घटना, पुलिस ने बढ़ाई सर्चिंग मुखबिरी के शक में ग्रामीण की हत्या, गांव के बाहर मिला शव
डिजिटल डेस्क बालाघाट। जिले के मलाजखंड थाना अंतर्गत पाथरी चौकी के आदिवासी गांव जगला में नक्सलियों ने बीती रात मुखबिरी के शक में युवक की हत्या कर दी। युवक का शव सुबह गांव के बाहर कच्चे मार्ग के किनारे खून से सना मिला। शव के पास मलाजखंड एरिया कमेटी के दो पर्चे भी मिले हैं। पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने बताया कि शनिवार अलसुबह वारदात की सूचना मिली थी। पुलिस ने इलाके में सर्चिंग तेज कर दी है। जानकारी के अनुसार, ग्राम जगला निवासी लालू पिता सक्कल धुर्वे (26) की 10 से 12 हथियारबंद नक्सलियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। नक्सलियों ने शव के ऊपर दो पर्चे छोड़े, जिसमें हत्या करने के पीछे लालू द्वारा पुलिस की मुखबिरी करना बताया। मलाजखंड थाने में अज्ञात नक्सलियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है। आसपास की चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है।
नक्सलियों की कायराना हरकत
एसपी श्री सौरभ ने बताया कि मृतक लालू को जब नक्सलियों द्वारा गांव के बाहर ले जाया जा रहा था, तब उनके भाइयों और परिजनों ने इसका विरोध किया। शोरगुल सुनकर ग्रामीण जमा होने लगे। ग्रामीणों को आता देख नक्सली लालू को लेकर गांव से भागने लगे। ग्रामीणों के न्याय के लिए लडऩे की बात करने वाले नक्सलियों का ग्रामीणों को ही देखकर मौके से भागना, उनकी कायरता को उजागर करता है।
घर में घुसते ही पूछा- कौन है लालू
मृतक लालू के बड़े भाई लाला और छोटे भाई रामू ने पुलिस को जानकारी दी कि हम शाम को खेत में धान का रोपा लगाकर घर पहुंचे थे। रसोईघर में खाना बना रहा था। परिवार के साथ लालू घर में बैठा था। तभी वर्दी में एक दर्जन नक्सली हथियारों के साथ दाखिल हुए और पूछा- लालू कौन है? लालू सामने आया। नक्सलियों ने रस्सी से उसके हाथ बांधे और बाहर ले जाने लगे। हमने इसका विरोध किया, तो नक्सलियों ने पूछताछ करके लालू को घर भेजने की बात कही। थोड़ी देर बाद गोली चलने की आवाज आई। गांव के बाहर जाकर देखा तो कच्चे मार्ग पर आंगनबाड़ी के पास लालू मृत पड़ा था।
मृतक का मुखबिरी से ताल्लुक नहीं
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, अब तक की जांच में लालू द्वारा पहले कभी पुलिस की मुखबिरी करने जैसे प्रमाण या रिकॉर्ड नहीं मिले हैं। बताया गया कि लालू बेहद गरीब बैगा परिवार से था। परिवार छोटे से भूखंड में खेती कर गुजर-बसर करता है। लालू के 3 और 1 साल के दो मासूम बच्चे हैं, जिनके सिर से नक्सलियों ने पिता का साया छीन लिया।
136 दिन बाद फिर दोहराई वारदात
मुखबिरी के शक में नक्सलियों द्वारा ग्रामीणों की हत्या करने का आखिरी मामला करीब 136 दिन पहले सामने आया था। 23 मार्च को कान्हा के मुक्की गेट के पास समनापुर मार्ग पर खटिया मोचा एरिया कमेटी के नक्सलियों ने मुक्की गेट पर तैनात वन विभाग के दैवेभो कर्मचारी सुरक्षा श्रमिक सुखदेव पिता माधो परते (25) की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
पर्चे में पुलिस को चेतावनी
पर्चे में मलाजखंड एरिया कमेटी ने लालू को पुलिस मुखबिर बताकर मौत की सजा देने की बात लिखी है। पुलिस को सरकारी पैसों का लालच और धमकी देकर मुखबिरी करने का काम बंद करने की चेतावनी दी है। नक्सलियों ने विस्तार होते जनयुद्ध को नुकसान न पहुंचाने और माओवादी पार्टी को साथ देने का जिक्र भी किया है। पर्चे में उत्पीडि़त मजदूर, किसान और मेहनतकश बेटा-बेटी को छापामार सैनिक बताया है।