उत्तर प्रदेश: CAA के खिलाफ हिंसा भड़काने पर PFI के 25 सदस्य गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश: CAA के खिलाफ हिंसा भड़काने पर PFI के 25 सदस्य गिरफ्तार
- आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने पर की गई गिरफ्तारी
- प्रदेश में CAA के विरोध में हिंसा भड़काने पर योगदान दिया था
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस ने आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में बुधवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 25 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। PFI के इन सदस्यों को प्रदेश के अलग-अलग इलाकों से गिरफ्तार किया गया है। इस बात की जानकारी आईजी प्रवीण कुमार ने दी। बता दें कि PFI एक चरमपंथी इस्लामिक संगठन है, जो इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है।
Praveen Kumar, IG (Law Order), Uttar Pradesh: 25 persons affiliated with Popular Front of India (PFI) have been arrested across the state, for their involvement in different criminal activities. pic.twitter.com/1ztLLpAvBX
— ANI UP (@ANINewsUP) January 1, 2020
PFI पर नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ उत्तर प्रदेश में विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने का आरोप लगाया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक नागरिकता संशोधन बिल पारित होने से पहले PFI से जुड़े कुछ लोगों ने पश्चिम बंगाल और असम के आम नागरिकों को पर्चे भी बांटे थे, जिसमें CAB के खिलाफ सामग्रियां शामिल थी।
पुलिस ने लगाए निराधार आरोप : PFI
PFI ने उत्तर प्रदेश पुलिस के सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि "पुलिस ने संगठन पर निराधार आरोप लगाए हैं।" PFI के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद अली जिन्ना का कहना है कि "लोगों ने अपने आपसी मतभेदों को भूलाकर CAA के खिलाफ एक-दूसरे से हाथ मिलाया और देशभर में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।" उन्होंने कहा कि "जिन प्रदेशों में विरोध को हिंसा करार देकर दबाने की कोशिश की गई, वे सभी भाजपा शासित प्रदेश हैं।" विरोध प्रदर्शन के नाम पर हिंसा करने वालों के खिलाफ पुलिस लाठी चार्ज को लेकर उन्होंने कहा कि "प्रदर्शन के दौरान अधिकांश प्रदेशों के पुलिसकर्मियों ने लोकतंत्र के अधिकारों का सम्मान किया।"
PFI में लगेगा प्रतिबंध !
उत्तर प्रदेश के गृह विभाग ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर PFI पर प्रतिबंध लगाने की अपील की थी। इस मामले में केंद्रीय मंत्रालय द्वारा नेश्ननल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी और खुफिया एजेंसियों से इनपुट लिया जा सकता है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश का गृह मंत्रालय भी PFI की गतिविधियों पर समीक्षा कर सकता है।