सीतापुर रेत खदान में 2 दिन में दो हादसे, तीन की मौत

अनूपपुर सीतापुर रेत खदान में 2 दिन में दो हादसे, तीन की मौत

Bhaskar Hindi
Update: 2022-03-21 07:15 GMT
सीतापुर रेत खदान में 2 दिन में दो हादसे, तीन की मौत

डिजिटल डेस्क, अनूपपुर । जिला मुख्यालय से सटे ग्राम सीतापुर में संचालित केजी डेवलपर्स की रेत खदान में 18 और 19 मार्च को हुई दो घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई। हादसे के बाद केजी डेवलपर्स के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या का मामला कोतवाली अनूपपुर में पंजीबद्ध किया गया है।  वहीं निर्धारित गहराई से अधिक उत्खनन के मामले में भी जांच प्रारंभ करते हुए अवैध उत्खनन का मामला पंजीबद्ध कराए जाने की बात प्रशासन कह रहा है। 
हादसे के बाद प्रशासन ने यहां सुरक्षा बढ़ा दी है। एसडीएम अनूपपुर और खनिज निरीक्षक ने घटनास्थल का जायजा लेते हुए अपनी जांच प्रारंभ कर दी है। दूसरी ओर दो दिन में तीन लोगों की मौत के बाद लोगों में रेत ठेकेदार के विरुद्ध आक्रोश भी व्याप्त है। सवाल भी उठ रहे हैं कि जब 18 मार्च को हादसे में एक 15 वर्षीय बालक की मौत हो गई थी तो फिर 19 मार्च को सुरक्षा व्यवस्था क्यों नहीं लगाई गई। 

१५ वर्षीय बालक की मौत
पहला हादसा 18 मार्च को हुआ। 15 वर्षीय अंशुल कुजूर पिता दीपक कुजूर निवासी पुलिस लाइन के पास अनूपपुर सुबह करीब 11 बजे सोन नदी में नहाने गया था। यहांं रेत उत्खनन के लिए खोदे गए गहरे गड्ढे में डूबने से उसकी मौत हो गई। शाम करीब 7 बजे उसका शव ढूंढा जा सका। दूसरी घटना 19 मार्च को शाम करीब 5 बजे हुई। 22 वर्षीय अभय द्विवेदी पिता रमेश चंद्र द्विवेदी तथा आलोक केवट पिता पुरेंद्र केवट अपने मित्रों के साथ सोन नदी गया था। पानी में छलांग लगाते ही दोनों गहराई में चले गए और डूबने से उनकी मौत हो गई। शुभ शुक्ला की शिकायत पर कोतवाली अनूपपुर में केजी डेवलपर्स एवं उनके अधिकारी, कर्मचारियों के विरुद्ध धारा 304 ए का मामला पंजीबद्ध किया गया है। नदी में दो युवकों के डूबने की खबर मिलते ही कलेक्टर सोनिया मीना, एसपी अखिल पटेल सहित प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंच गया। गोताखोरों की मदद से शव को तलाशने का कार्य प्रारंभ किया गया। 7 बजे के करीब आलोक केवट का शव ढूंढा गया। वहीं देर रात 11.30 बजे अभय द्विवेदी का शव मिला। 


ठेकेदार की लापरवाही आई सामने
जिला मुख्यालय में ही संचालित रेत खदान में रेत ठेकेदार की लापरवाही सामने आई जहां खदान में किसी भी तरह का सूचना पटल नहीं लगाया गया था। खदान का मुनारा भी टूटा हुआ था जिसके आगे रेत का उत्खनन किया गया। खदान में कोई भी कर्मचारी उपस्थित नहीं था जिससे लोगों को गहराई के संबंध में जानकारी दी जा सके। खदान में सुरक्षा के लिए रेत ठेकेदार के द्वारा किसी भी तरह का कोई भी कार्य नहीं कराया गया था। जिसको लेकर भी अब नियमों के तहत जांच कराए जाने की बात कही जा रही है। पूरे घटनाक्रम के संबंध में कलेक्टर अनूपपुर द्वारा जांच दल का गठन करते हुए मामले की जांच के लिए निर्देशित किया गया है।


६ मीटर गहराई तक खनन
खनिज विभाग के नियमों के अनुसार नदी में पानी के जल स्तर से 3 मीटर तक की गहराई में रेत का उत्खनन किया जा सकता है किंतु इस मामले में रेत ठेकेदार के द्वारा लगभग 6 मीटर गहराई तक रेत का उत्खनन किया गया है। इसको लेकर जांच के निर्देश दिए गए हैं। वही स्वीकृत खदान से लगभग 15 मीटर अधिक में रेत का उत्खनन किए जाने की ग्रामीणों की शिकायत की जांच के निर्देश भी दिए गए हैं। शिकायत सही पाए जाने पर केजी डेवलपर्स के विरुद्ध अवैध उत्खनन का मामला भी पंजीबद्ध कराए जाने की बात कलेक्टर के द्वारा कही गई।
इनका कहना है
घटना अत्यंत दुखदाई है। पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं। ठेकेदार के विरुद्ध अपराधिक मामला पंजीबद्ध कराया गया है।  अवैध उत्खनन को लेकर भी जांच कराई जा रही है।

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