टापू पर्यटन का आनंद उठाने विदेश जाने की जरूरत नहीं मध्यप्रदेश के हनुवंतिया टापू में 15 जनवरी तक चलेगा जल महोत्सव
टापू पर्यटन का आनंद उठाने विदेश जाने की जरूरत नहीं मध्यप्रदेश के हनुवंतिया टापू में 15 जनवरी तक चलेगा जल महोत्सव
डिजिटल डेस्क, देवास। इंदौर से मात्र 170 कि.मी. दूर विशाल जल राशि के बीच उभरे टापू पर्यटकों के आकर्षण केन्द्र बन रहे हैं। आमतौर पर विदेशों में ही उपलब्ध टापू-पर्यटन अब खण्डवा जिले में भी उपलब्ध है। पर्यटन विभाग द्वारा यहां के मुख्य टापू हनुवंतिया टापू पर पिछले 5 सालों से यहां जल महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष 15 दिसम्बर 2020 से आरंभ हुआ महोत्सव 15 जनवरी 2021 तक चलेगा। प्रमुख सचिव पर्यटन श्री शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि कार्यक्रम वेलनेस टूरिज्म को ध्यान में रखकर बनाया गया है। जल महोत्सव को वर्ष 2017 में केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा सबसे अनोखे/ अद्वितीय नवीन पर्यटन उत्पाद वर्ष 2015-16 से नवाजा जा चुका है। हनुवंतिया टापू इंदिरा सागर बांध पर स्थित एक अदभुत और अनुपम पर्यटन स्थल है। लगभग 95 वर्ग कि.मी. में फैले विशाल जलाशय में लगभग 50 टापूओं में से एक हनुवंतिया में पर्यटन विभाग द्वारा रिसोर्ट विकसित किया गया है। वर्ष 2016 में पहली बार 10 दिनों के जल महोत्सव का आयोजन किया गया था। पर्यटकों की रूचि को देखते हुए तबसे निरंतर इसका आयोजन किया जा रहा है। महोत्सव में साहसिक पर्यटन के साथ कैम्पिंग, बर्ड वाचिंग, स्टार गेजिंग, साईकलिंग, ट्रेकिंग आदि की सुविधाएँ भी उपलब्ध हैं। इस दौरान स्थानीय कलाकारों द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी जायेंगी। मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा हनुवंतिया टापू पर स्थित टेंट सिटी को पुन: आरंभ कर दिया गया है। टेंट सिटी में वाटर एडवेंचर, लैंड एडवेंचर और स्काई एडवेंचर की गतिविधियां जैसे पैरा मोटरिंग, पैरा सेलिंग, स्पीड बोट, जेट स्काई, हॉट एयर बैलूनिंग, मोटरबोट राइडिंग आदि शामिल हैं। टेंट सिटी में 63 लग्जरी स्विस टेंट के साथ कॉर्पोरेट सम्मेलनों के लिये एसी सम्मेलन हॉल भी बनाया गया है। हनुवंतिया में जल महोत्सव पहली बार वर्ष 2016 में 12 से 21 फरवरी तक, दूसरी बार 15 दिसम्बर 2016 से 15 जनवरी 2017 तक, तीसरी बार 15 अक्टूबर 2017 से 2 जनवरी 2018 तक और चौथी बार 3 जनवरी 2019 से 3 फरवरी 2020 तक आयोजित किया गया। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को सिंगापुर भ्रमण के दौरान सेंटोसा द्वीप देखकर मध्यप्रदेश में टापू पर्यटन विकसित करने का विचार आया था, जिसकी परिणति हनुवंतिया टापू है।