बालाघाट  जिले में नहीं है ऑक्सीजन सपोर्ट बेड की कमी, छात्रावास से लेकर स्पोर्ट कंपलेक्स तक सभी अस्पताल में कन्वर्ट

बालाघाट  जिले में नहीं है ऑक्सीजन सपोर्ट बेड की कमी, छात्रावास से लेकर स्पोर्ट कंपलेक्स तक सभी अस्पताल में कन्वर्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2021-05-07 11:07 GMT
बालाघाट  जिले में नहीं है ऑक्सीजन सपोर्ट बेड की कमी, छात्रावास से लेकर स्पोर्ट कंपलेक्स तक सभी अस्पताल में कन्वर्ट

डिजिटल डेस्क बालाघाट । मध्यप्रदेश में छोटा सा जिला है बालाघाट जहां कोरोना संक्रमण से अन्य जिलों की तरह बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हैं लेकिन यहां ना तो ऑक्सीजन सपोर्ट की कमी है  ना ही बेड की समय रहते यहां के युवा डीएम ने परिस्थितियों को भांपते हुए यहां ऑक्सीजन सपोर्ट वाले बेड बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी थी इसी साल मार्च में 40 बेड क्षमता वाले इस जिले में अब 500 से अधिक ऑक्सीजन सपोर्ट के बेड है यहां स्पोट्र्स कॉन्प्लेक्स से लेकर छात्रावास तक को अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है ।
कलेक्टर बालाघाट दीपक आर्य के अनुसार शुरुआत में यहां पर केस कम थे और हमारी तैयारियां भी उसी तरह की थी मार्च में हमारे पास कुल 40 बेड का ऑक्सीजन सपोर्ट था लेकिन जैसे ही परिस्थितियां बदलने लगी हमने तेजी से अस्पताल तैयार किए और अब हमारे पास 500 मिनट से ऊपर की ऑक्सीजन सपोर्ट की व्यवस्था है शुरू में मरीजों को जमीन पर लिटा कर भी ऑक्सीजन देनी पड़ी पर अब बालाघाट में आवश्यकता से अधिक ऑक्सीजन सपोर्ट वाले बिस्तर उपलब्ध है।
बालाघाट जिले में ऑक्सीजन सपोर्ट वाले बेड  को बढ़ाने के लिए प्रशासन ने सिर्फ सेंटर लाइन के भरोसे ना रहते हुए ऑक्सीजन के सिलेंडरों के जरिए भी बिस्तरो के बंदोबस्त किए, जब अस्पताल नहीं  थे तो जमीन पर भर्ती किया, बाहर से कंसंट्रेटर बुलाए गए और अब 500 बड़ों के साथ बालाघाट कोरोना से जंग लिए पूरी तरह से तैयार है। लेकिन सिर्फ बिस्तर बढ़ाकर ही मरीजों को इलाज नहीं मिल सकता और इसके लिए भी बालाघाट ने पूरा प्लान तैयार किया है ।दीपक आर्य कलेक्टर ने बताया मरीजों को भर्ती करने के लिए स्थान बनाने के साथ-साथ हमने हमारे मौजूदा स्टाफ के साथ आयुष्य चिकित्सकों को जोड़ा इसके बाद निजी चिकित्सकों और आईएमए की मदद लेकर भी सरकारी अस्पतालों में निजी चिकित्सकों की सेवाएं ली जा रही है, दूरस्थ क्षेत्र होने के बाद भी बालाघाट में प्रशासन ने बिस्तर और इलाज की व्यवस्था के साथ-साथ ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति भी सुनिश्चित की इसके लिए मध्य प्रदेश महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की मदद ली गई। डॉ मनोज पांडे सीएचएमओ का कहना बालाघाट ऑक्सीजन की कमी से कभी किसी की मौत नहीं हुई हमारे यहां ऑक्सीजन के पर्याप्त प्रबंध थे जल्दी यहां ऑक्सीजन प्लांट भी शुरू होने जा रहा है हमने छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों से ऑक्सीजन की लगातार सप्लाई सुनिश्चित की है।  आपदा के समय पर उठाए गए सही कदम  बड़ी राहत का कारण बन गए हैं हालांकि  स्वास्थ सुविधाओं की कमी और और अमले की कमी दोनों ही बड़ी चुनौतियां हैं लेकिन इसके बाद भी इंफ्रास्ट्रक्चर बन जाने से कोरोना से जंग में बालाघाट पूरी तरह तैयार दिखता है
 

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