स्थिति भयावह, हम मूकदर्शक नहीं बन सकते, एक घंटे में उपलब्ध कराओ रेमडेसिविर
स्थिति भयावह, हम मूकदर्शक नहीं बन सकते, एक घंटे में उपलब्ध कराओ रेमडेसिविर
डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर मचे हाहाकार पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि अखबारों में प्रकाशित खबरों को अंशमात्र भी सही मान लिया जाए तो स्थिति भयावह है, हम मूकदर्शक नहीं बने रह सकते हैं, इसलिए हम अपना दायित्व निभाते हुए सरकार को कर्तव्यबोध करा रहे हैं। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस अतुल श्रीधरन की डिवीजन बैंच ने अपने 49 पृष्ठीय आदेश में कहा है कि गंभीर मरीज को एक घंटा में रेमडेसिविर का इंजेक्शन उपलब्ध कराया जाए। डिवीजन बैंच ने 19 बिंदुओं पर अपने विस्तृत आदेश में कहा है कि राज्य सरकार ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की नियमित आपूर्ति करे। राज्य सरकार को अगली सुनवाई के पहले एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया गया है। अगली सुनवाई 10 मई को नियत की गई है।
राज्यसभा सांसद विवेक कृष्ण तन्खा की पत्र याचिका सहित पाँच याचिकाओं पर सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने 15 अप्रैल को निर्णय सुरक्षित कर लिया था। सोमवार को आदेश देते हुए डिवीजन बैंच ने कहा कि केन्द्र सरकार ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर राज्य सरकार की मदद करे। आवश्यक होने पर उद्योगों को दी जाने वाली ऑक्सीजन अस्पतालों को मुहैया कराई जाए। ज्यादा कमी होने पर ऑक्सीजन आयात करने पर भी विचार किया जाए। सरकार रेमडेसिविर इंजेक्शन का उत्पादन बढ़ाने का भी प्रयास करे। महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव, अतिरिक्त महाधिवक्ता आरके वर्मा और पुष्पेन्द्र यादव ने राज्य सरकार का पक्ष प्रस्तुत किया।