विजयादशमी की रात मैकेनिक का परिवार हो गया खत्म
घर में आग लगने से बेटे-बेटी के साथ मां की मौत विजयादशमी की रात मैकेनिक का परिवार हो गया खत्म
डिजिटल डेस्क,सतना। कोलगवां थाना अंतर्गत पुरैनिया गांव के एक घर में आग लगने से 2 बच्चों समेत मां की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि रीवा जिले के अमरहिया गांव का निवासी रंजीत कुशवाहा बीते कई सालों से अपनी पत्नी संध्या 32 वर्ष, बेटी प्रियांजलि 8 वर्ष,बेटे तनिष्क 3 वर्ष और छोटे भाई रामजीत के साथ पुरैनिया में रहने लगा था। वह ट्रांसपोर्ट नगर में बस-ट्रक की बाड़ी बनाने का काम कर रहा था। बुधवार शाम को रंजीत घर के पास रखी दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन कराने के बाद ट्श दुकान पर चला गया। रात करीब 10 बजे अचानक घर में आग लग गई इस बात की जानकारी पत्नी संध्या ने फोन कर रंजीत को दी तो वह भाई और दुकान में काम करने लड़कों के साथ पुरैनिया के लिए रवाना हो गया लेकिन जब तक सभी लोग घर पहुंचे आग भीषण रूप ले चुकी थी।
लोहे के दरवाजे और फोम के धुंए ने बढ़ाई मुस
रंजीत के घर के सभी दरवाजे लोहे के बने थै जो आग लगने के कारण गर्म होकर चिपक गये , ऐसे दरवाजों को खोलने में खासी मुश्किल हुई, वहीं घर के दूसरे कमरे में 1 ट्रक फोम रखा था जिसमें आग लगने से चारों तरफ धुआं फैल गया था। काफी कोशिशों के बाद गेट तोड़कर कुछ लोग अंदर घुसे मगर धुएं के चलते सांस लेने में दिक्कत हो होने लगी तो उल्टे पांव लौट आए और फिर दोबारा मुंह में कपड़े बांधकर अंदर गए तो गेट के पास ही संध्या और उसके दोनों बच्चे बेहोशी की हालत में पड़े मिले, जिन्हें बाहर निकाल कर निजी वाहन से तुरंत जिला अस्पताल लाया गया, जहां ड्युटी डॉ अभिनव चौरसिया ने देखते ही तीनों को मृत घोषित कर दिया। महिला के हाथ और बाएं गाल पर जलने के निशान थे जबकि दोनों बच्चे जरा भी नहीं सुनते थे ऐसे में परिजन और डॉक्टरों को आशंका है कि फॉर्म के धुए से दम घुटने के कारण तीनों की मौत हो गई
परिजनों ने की गाली-गलौज और तोड़फोड़
संध्या और उसके दोनों बच्चों की मौत से परिजन और मोहल्ले के लोग भड़क गए। उन्होंने इलाज में देरी और एंबुलेंस नहीं पहुंचने का आरोप लगाते हुए डॉक्टर व मेडिकल स्टाफ से जमकर गाली गलौज किया तो आपातकालीन ओपीडी कक्ष में रखी मशीनें तोड़-फोड़ डालीं। हंगामे और तोड़फोड़ की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस और कोलगवां टीआई डीपी सिंह चौहान के साथ एएसपी सुरेंद्र जैन ने अस्पताल पहुंचकर लोगों को शांत कराया और तीनों शव मरचुरी में रखवाए। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक 1 लाख से ज्यादा कीमत की मशीनों के क्षतिग्रस्त हो जाने से कई तरह की जांचे प्रभावित होंगी।नई मशीन आने में एक महीने का वक्त लग सकता है, तब तक लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
डॉक्टरों ने बंद किया काम, समझाइश के बाद किया पीएम
गाली गलौज और तोड़फोड़ से नाराज हीरालाल के डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ गुरुवार सुबह हड़ताल पर चला गया पता चलने पर सीएससी महेंद्र सिंह चौहान और सिटी कोतवाल एस एम उपाध्याय ने अस्पताल पहुंचकर डॉक्टरों से बातचीत करते हुए तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया और घटना के समय मौजूद रहे के बयान दर्ज कराएं। तब जाकर हड़ताल खत्म हुई मगर पोस्टमार्टम के लिए तब भी कोई डॉक्टर राजी नहीं हो रहा था। अंततः जब मृतकों के परिजनों ने किसी प्रकार की आपत्ति नहीं करने का लिखित पत्र सौंपा तब,दोपहर ढाई बजे शवों का पोस्टमार्टम हुआ।पीएम के बाद रंजीत और उसके परिजन शव लेकर रीवा रवाना हो गए।
एफएसएल टीम और विद्युत अमले ने देखा घटनास्थल
2 बच्चों समेत महिला की मौत सनसनीखेज मामले की जांच के लिए गुरुवार को रीवा से पुलिस के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डॉ आरपी शुक्ला अपनी टीम के साथ पुरैनिया पहुंचे और पूरे घर का मुआयना कर भौतिक साक्ष्य एकत्र किए। इस दौरान विद्युत विभाग के अधिकारी और कोलगवां टीआई डीपी सिंह चौहान भी मौजूद रहे। गौरतलब है कि पहले सिलेंडर में ब्लास्ट होने से आग भड़कने की बात कही जा रही थी मगर परिजनों ने शॉर्ट सर्किट को घटना की वजह बताया था ।ऐसे में असली कारण का पता लगाने के लिए फॉरेंसिक और विद्युत विभाग के अफसरों की संयुक्त टीम बनाई गई है।