आसमान से बरस रही आफत, नीचे शूकर खा रहे धान
10 करोड़ की धान खुले आसमान के नीचे, वहीं 15 करोड़ का नहीं हुआ भुगतान आसमान से बरस रही आफत, नीचे शूकर खा रहे धान
डिजिटल डेस्क अनूपपुर। एक बार फिर 9 फरवरी को मौसम ने करवट बदली और सुबह से ही आसमान में काले बादलों ने डेरा जमा लिया। दोपहर तक रुक-रुक कर बूंदाबांदी भी हुई, वहीं धान के परिवहन में गति नहीं आने की वजह से अभी भी 10 करोड़ की धान खुले आसमान के नीचे रखी हुई है। जिले में धान उपार्जन की तिथि 20 जनवरी को समाप्त हो गई। इस वर्ष जिले में पंजीकृत 18236 किसानों में से 13 हजार 749 किसानों के द्वारा 7 लाख 25 हजार 72 क्विंटल धान बेची गई। 20 दिन बीत जाने के बाद भी किसानों के खाते में धान का भुगतान नहीं हो पाया है। वहीं दूसरी तरफ समितियों के पास अभी भी 53 हजार 988 क्विंटल धान खुले आसमान के नीचे रखी हुई है। जिला मुख्यालय में ही पटना कला समिति में खुले आसमान के नीचे हजारों बोरियां रखी है। इस समिति में लापरवाही इतनी की आवारा शूकर धान की बोरियों को फाड़ कर धान खा रहे हैं। सुरक्षा में तैनात लोगों का पता ही नहीं था।
1059 किसानों को भुगतान नहीं
जिले में अब तक 16 हजार कृषकों को ही धान के बदले भुगतान किया गया है। किसानों से अब तक हुई खरीदी में नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा स्वीकृत किए गए किसानों की धान में खरीदी गई मात्रा के विरूद्ध किसानों को एक अरब 40 करोड़ 66 लाख 40 हजार 91 रूपए देना है। जिसमें ऋण वसूली के बाद शुद्ध भुगतान के लिए एक अरब 32 करोड़ 98 लाख 41 हजार 760 रूपए दिया जाना है। लेकिन इनमें अब तक विभाग द्वारा किसानों को 115 करोड़ 7 लाख 85 हजार 605 रूपए ही भुगतान किए गए हैं। जिसके कारण अब भी लगभग 17 करोड़ रूपए शेष भुगतान किया जाना है। लेकिन जिस रफ्तार से किसानों से खरीदी हुई धान का परिवहन किया जा रहा है और विभाग द्वारा स्वीकृति पत्रक तैयार किए जा रहे हैं, इनमें किसानों को एक पखवाड़े का इंतजार और करना पड़ सकता है।
परेशान हो रहे अन्नदाता
वैवाहिक मुहूर्त प्रारंभ होने के साथ ही अन्नदाता भी भुगतान की आस में बैठे हुए हैं। अधिकांश कृषक ऐसे हैं जिनके घर पर वैवाहिक कार्यक्रम होना है जिसको देखते हुए उनके द्वारा दिसंबर से पूर्व ही उपार्जन समितियों में धान बेची गई थी। अब भुगतान के लिए वे समितियों के साथ ही संबंधित विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। पटना कला और बरबसपुर समिति में भी ऐसे किसानों की संख्या दर्जनों में है जो भुगतान के लिए परेशान हो रहे हैं।
शूकर खा रहे थे धान
9 फरवरी की दोपहर लगभग 3 बजे जिला मुख्यालय में ही स्मार्ट सिटी के समीप पटना कला समिति में रखी धान की बोरियों को फाड़ कर शूकर धान खा रहे थे। शूकरों के द्वारा आधा दर्जन से ज्यादा बोरियों को नुकसान पहुंचाया गया, मुख्य मार्ग के किनारे स्थित इस उपार्जन केंद्र मे शूकरों के द्वारा धान खाने की घटना को स्थानीय लोगों ने भी देखा। लापरवाही की हद तो तब हो गई जब समिति के कर्मचारी टेंट के नीचे बैठकर ताश खेलने में मशगूल थे। शूकर द्वारा धान खाने की सूचना देने पर एक कर्मचारी बेमन से उठा और वहां से शूकरों को भगाया। सिर्फ इतना ही नहीं दूसरे टेंट के नीचे समिति प्रबंधक भी अपने मोबाइल में व्यस्त थे।
जिले में ही होगा भंडारण
पूर्व में धान की बंपर आवक को देखते हुए जिले में 9 लाख क्विंटल धान उपार्जन का लक्ष्य रखा गया था। जिले में 7 लाख क्विंटल की खरीदी हुई। भंडारण की क्षमता को देखते हुए 84 सौ मीट्रिक टन धान डिंडोरी और उमरिया जिले में भेजा गया है वहीं अब शेष बची मात्रा को जिले के ही ओपन कैप, राइस मिलर्स के गोदाम तथा विपणन केंद्र के गोदामों में भंडारित कराया जाएगा। इस वर्ष दारसागर में नए ओपन कैप का निर्माण भी कराया गया है।
परिवहनकर्ता पर लगेगा अर्थदंड
जिले में ही परिवहन कर भंडारण कराए जाने में भी हो रही देरी को देखते हुए परिवहनकर्ता ठेकेदार के विरुद्ध अर्थदंड की प्रस्तावित किया गया है। इस संबंध में प्रभारी प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम ने बताया कि बीते पखवाड़े तक 10 लाख रुपए का अर्थदंड प्रस्तावित किया गया था वहीं अब यह आंकड़ा और भी बढ़ जाएगा। भुगतान के दौरान क्षेत्रीय प्रबंधक के द्वारा अर्थदंड की राशि काटकर ही परिवहन करता ठेकेदार को प्रदान की जाएगी।
इनका कहना है
लापरवाही के मामले में समिति प्रबंधक को नोटिस जारी की जाएगी। धान को सुरक्षित करने के लिए निर्देशित किया जा चुका है।
विजय डेहरिया
प्रभारी प्रबंधक, नागरिक आपूर्ति निगम अनूपपुर