आधे दर्जन गांवों में बाघ और तेंदुआ की दहशत, ग्रामीण बोले-मुश्किल दौर में गुजार रहे जीवन
दो मवेशियों का बाघ ने किया शिकार आधे दर्जन गांवों में बाघ और तेंदुआ की दहशत, ग्रामीण बोले-मुश्किल दौर में गुजार रहे जीवन
डिजिटल डेस्क,बालाघाट। जिले के वारासिवनी क्षेत्र अंतर्गत आने वाले बोटेझरी समेत आसपास के करीब आधा दर्जन गांवों के लोगों के बीच इन दिनों वन्यप्राणी बाघ और तेंदुआ की दहशत बनी हुई है। हर पल ग्रामीणजन खौफ के साए में जीवन गुजार रहे हैं। हफ्ते भर के भीतर बाघ के हमले की चौथी घटना घटित हो चुकी हैं।
विभागीय तौर पर मिली जानकारी के अनुसार वारासिवनी परिक्षेत्र के अंतर्गत बोटेझरी एवं आसपास के गांवों में बीती रात्रि दो अलग-अलग ग्रामीणो के घर में बने मवेशियो के गोठान से गाय के शिकार किए जाने की घटना से ग्रामीणजन सहमे हुए है। ग्रामीणजनो का कहना रहा कि बाघ के खौफ से इन दिनों मुश्किल दौर में जीवन गुजार रहे हैं।
रोशनी जलाकर करीब से देखा बाघ
जानकारी के अनुसार सिंचाई विभाग में पदस्थ चौकीदार प्रकाश ठाकरे ग्राम बोटेझरी के घर के पीछे सोमवार की सुबह 5 बजे बाघ के द्वारा मवेशी पर हमला कर उसे खींच कर ले जाया जा रह था। ग्रामीण प्रकाश ठाकरे ने बताया कि उन्होने देखा कि बाघ उसके घर के पिछवाड़े बाड़ी में घुस आया है, वह टार्च की रोशनी से बाघ के समीप पहुंचा और शोर मचाया तथा आग जलाया तो बाघ मौके से भाग गया। गोठान में जाकर देखा तो गाय मृत पड़ी थी। ग्रामीण के अनुसार उसने बाघ को निकट से देखा हैं, परन्तु वन विभाग के अनुसार वहां पर तेंदुए के पगमार्क दिखाई दिए है।
हफ्ते भर में चौथी घटना
इसी तरह रविवार को भी ग्राम बोटेझरी में ही दूसरी वारदात हुई जहां बाघ ने एक किसान के घर बने गाय के गोठान मे प्रवेश कर गाय का शिकार किया हैं। पिछले पांच दिनों में बोटेझरी में यह चौथी वारदात हैं। गत 1 दिसम्बर को भी गाय के बछड़े का शिकार हुआ था। 2 दिसंबर को पड़ौस के ग्राम नांदगांव में एक महिला की मौत बाघ के हमले से हो गई थी जिसको लेकर वन विभाग ने बाघ को पकडऩे गश्त बढ़ा दी हैं।
विभाग ने कैमरो की संख्या बढ़ाई
इधर, इस मामले में वन परिक्षेत्र अधिकारी हर्षित सक्सेना ने बताया कि रमरमा से लगे हुए वन क्षेत्र में जंगल के किनारे अक्सर बाघ एवं तेंदुए की उपस्थिति बढ़ गई हैं जिससे मवेशियों के शिकार की घटनाएं बढ़ रही है। विभाग द्वारा पेट्रोलिंग कराई जा रही है और हॉका लगाकर वन्य प्राणियों को जंगल की ओर खदेडऩे का प्रयास किया जा रहा है। कैमरो की संख्या भी बढ़ाई जा रही हैं। ग्रामीणों को रात्रि मे जंगल के तरफ न जाने और घर की गाय के गोठान में रोशनी रखने समझाइस दी जा रही है और गांव के आसपास झाड़ी काटने के लिए भी प्रयास किए जा रहे है।