तलेगांव के किसान ने 200 क्विंटल प्याज फेंकी
परेशानी तलेगांव के किसान ने 200 क्विंटल प्याज फेंकी
डिजिटल डेस्क, तेल्हारा। तहसील के तलेगांव परिसर के किसान ने विगत 6 मास से रबी फसल की तैयारी की तब भी विगत 6 माह की मेहनत का फल उसे अपनी उपज को भेंडों को खिलाना पड़ा। किसान विजय ताथोड ने खेत में दिन रात एक कर अपने परिश्रम से प्याज की फसल को 6 माह तक सिंचा। परंतु जब प्याज बाजार में जाने के लए तैयार हुए तब इन प्याज को निजी व्यापारी की ओर से 1 से 2 रुपए प्रति किलों के दाम मांगे जा रहे है। इस कारण परेशान किसान में अपनी 6 माह के परिश्रम पर पानी फेर कर अपनी उपज के 200 क्विंटल प्याज को मवेशियों को खाने के लिए उनके सामने डाल दिया। प्याज फसल के लिए किया गया खर्च ते निकल ही नहीं रहा उपर से अपने जेब से खर्च भरने के बाद भी उपज से नुकसानी झेलना पड़ने से किसानों में निराश छा गई है।
प्याज फसल का संग्रहण करें
मिलिंद वानखडे, तेल्हारा तहसील कृषि अधिकारी के मुताबिक किसानों ने प्याज को इस तरह को फेंकना या मवेशियों को खिलाकर अपना नुकसान न करें। जिनके पास संग्रहण करने की सुविधा हैं वे अपनी प्याज की फसल को संग्रह कर के रखे। साथ ही जब भाव बढ़े तब बेचने के लिए निकाले। कृषि विभाग की ओर से किया गया है।
पहले कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते किसानों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उसके बाद अब दिन ब दिन बढ़ती महंगाई, पेट्रोल के दाम, खाने की सामग्री और तेल के दाम, गैस सिलेंडर के दाम आदिम में लगातार वृध्दि होकर महंगाई दिन ब दिन बढ़ रही है। परंतु किसानों के खेत की उपज को आज भी किसानों के लागत से अधिक दाम प्राप्त नहीं हो रहा है। इस कारण अब खेती करने या किसानी करने में किसानों के मन में निराश व्याप्त हो गई है। किसान ताथोड की ओर से प्याज फसल के लिए किया गया खर्च और लिया गया परिश्रम दोनों ही व्यर्थ चले गए। किसान अपने फसलों को शासन की ओर से अच्छे दामों की अपेक्षा कर बुआई कर उसका पालन पोषण करते है। परंतु जब फसल को उसके दाम प्राप्त नहीं होते है और शासन की ओर से भी इस समस्या को अनदेखा करने से किसान निराश हो गए है। किसानों को प्याज की नुकसान भरपाई तहसील कृषि विभाग ने सर्वे कर मदद देने पर किसान अपनी फसलों के प्रति चिंता मुक्त हो सकता है की बात किसान कर रहे है।
खरीफ की तैयारी बकाया है
विजय ताथोड, किसान तलेगांव डवला के मुताबिक प्याज को 1 रुपए दाम मिलने से और प्याज को बोरी में भरकर बाजार में बेचने के लिए लेकर जाना भी महंगा पड़ रहा है। मजदूरी, वाहन का खर्च भी इस भाव में नहीं निकलने पर 200 क्विंटल प्याज मवेशियों को खिला दिया। बारिश प्रारम्भ होने में कुछ ही समय रह गया है और खेत की मशक्कत का काम भी बकाया है। प्याज को लगाए गए पैसे भी नहीं निकलनेवाले है। इस कारण प्याज मवेशियों को खिला दिया। आनेवाली खरीफ फसल के लिए खेती को तैयार कर, बीज, खाद लाने के लिए अब साहुकार के द्वार जाना पड़ेगा। बैंक भी फसल कर्ज देने के लिए तैयार नहीं है। अब जिये या मरें की दुविधा में फंस गया हूं। शासन की ओर से प्याज के नुकसान के लिए पैकेज घोषित करने की बिनती किसान के रुप में करता हूं।