साक्ष्य की सूक्ष्मता से अध्ययन करना , पशु हानि, जन हानि, जन घायल जैसे तथ्यों पर रहेगी नजर

 बाघ आंकलन के लिए होगा प्रशिक्षण सत्र, जूनियर अफसर देंगे ट्रेनिंग  साक्ष्य की सूक्ष्मता से अध्ययन करना , पशु हानि, जन हानि, जन घायल जैसे तथ्यों पर रहेगी नजर

Bhaskar Hindi
Update: 2021-08-20 12:35 GMT
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डिजिटल डेस्क बालाघाट । प्रदेश में अखिल भारतीय बाघ आंकलन की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इन दिनों प्रदेशभर के टाइगर रिजर्व नेशनल पार्क में फील्ड स्टाफ के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। बालाघाट जिले के कान्हा टाइगर रिजर्व में 13 और 14 सितंबर 2021 को प्रशिक्षण कार्यक्रम होगा, जहां मास्टर ट्रेनरों को बाघ आंकलन संबंधी प्रशिक्षण दिया जाएगा। मास्टर ट्रेनरों द्वारा प्रशिक्षण लेने के बाद वे अपने वन अमले को प्रशिक्षण देंगे। गौरतलब है कि वन विभाग (वन्य प्राणी) के संयोजन में मास्टर ट्रेनर का पहला सत्र गांधी सागर अभ्यारण्य (नीमच) और माधव राष्ट्रीय उद्यान (शिवपुरी) में 17-18 अगस्त में आयोजित किया जा चुका है। 2018 से किए जा रहे अखिल भारतीय बाघ आंकलन की इस बार खास बात यह है कि वन मंडल स्तरीय ट्रेनर, जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों के स्थान पर क्षेत्रीय कनिष्ठ स्तर के अधिकारियों को मास्टर ट्रेनर बनाने की पहल की गई है। इससे पहले तक वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा ही बाघ आंकलन किया जाता था।
इन बिंदुओं पर दी जाती है ट्रेनिंग 
मुख्य वन सरंक्षक नरेंद्र कुमार सनोडिया ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले सत्र में ट्रेनिंग टू ट्रेनर्स प्रोग्राम होता है। ट्रेनर्स ट्रेनिंग लेने के बाद अपने अमले को ट्रेनिंग देते हैं। इसमें जंगल में बाघों के साक्ष्य की सूक्ष्मता से अध्ययन करना, पशु हानि, जन हानि, जन घायल जैसे बातों को आंकलन किया जाता है। इससे उस क्षेत्र में बाघ होने की जानकारी होना दर्शाता है। पेड़ के तने में खरोंच, मल-मूत्र जैसे साक्ष्य संकलित किए जाते हैं। जानकारी के अनुसार, प्रशिक्षण कार्यक्रम में भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया) और वन विभाग के अनुभवी और दक्ष अधिकारियों द्वारा वन मंडल के मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षित जाता है। प्रशिक्षण में अखिल भारतीय बाघ गणना के फेस-एक से संबंधित डेटा कलेक्शन के विभिन्न चरणों की बारीकियों से समझाने के साथ ही उन्हें प्रत्यक्ष रूप से डेटा कलेक्शन के तौर-तरीकों और प्रक्रिया बताई जाती है। 
इनका कहना है
जिले में बाघ आंकलन संबंधी प्रशिक्षण कार्यक्रम कान्हा टाइगर रिजर्व में होगा। जहां ट्रेनर्स को ट्रेनिंग दी जाएगी, फिर ट्रेनर्स अपने अमले को प्रशिक्षण देंगे। 
नरेंद्र कुमार सनोडिया, मुख्य वन संरक्षक, बालाघाट
 

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