पांच दमकल के भरोसे जिले की सेवाएं
सिवनी पांच दमकल के भरोसे जिले की सेवाएं
डिजिटल डेस्क, सिवनी ।हर साल गर्मी में होने वाले आग से नुकसान के बाद भी दमकल की सेवाएं जस की तस है। ढाई लाख हेक्टेयर वाले कृषि क्षेत्र में महज पांच दमकल वाहन हैं। गेहूं के अलावा अन्य फसल पक चुकी है और कहीं कहीं तो फसल कटाई भी शुरु हो गई। ऐसे में सबसे ज्यादा खतरा आग का बना हुआ है। हर साल फसल में आग लगने की तीन दर्जन से अधिक की घटनाएं सामने आती हैं। इसके बाद भी आग से बचाव के लिए संसाधनों की कमी है।
यहां पर हैं दमकल
जानकारी के अनुसार नगर पालिका सिवनी में दो दमकल वाहन हैं जबकि एक कबाड़ हो चुकी है। इसके अलावा लखनादौन में दो दमकल हैं और बरघाट में एक दमकल वाहन हैं। जबकि केवलारी और छपारा नगर पंचायत बनने के बाद वहां पर दमकल है ही नहीं और न ही नगर पंचायत ने कोई कवायद की। जहां दमकल वाहन मौजूद हैं वहां के वाहन ५० से ६० किमी दूर तक आग बुझाने के लिए भेजे जाते हैं।
कहां कितनी बोई फसल
जिले में कुल ३.४७ लाख हेक्टेयर में रबी की फसल बोई गई है। इसमें गेहूं २.६८ लाख हेक्टेयर में बोया गया। दलहनी फसलों की बात करें तो ७०५०० हेक्टेयर क्षेत्र में दलहनी फसलों की बोवनी की गई है जिसमें ४५ हजार हेक्टेयर में चना,१० हजार में मटर, १३५०० हेक्टेयर में मसूर और दो हजार हेक्टेयर में तिवड़ा की फसल बोई गई है। जिले में ८ हजार हेक्टेयर में तिलहनी फसल बोई गई है जिसमें राई सरसों पांच हजार हेक्टेयर, अलसी तीन हजार हेक्टेयर में बाई गई है।
पंचायतों के टैंकर हुए बर्बाद
करीब पांच साल पहले हर पंचायत को पानी के टैंकर दिए गए थे लेकिन उसमें से ८० प्रतिशत तो कबाड़ हो गए। जबकि इन टैंकरों को देने का उद्देश्य था कि वे पेयजल के अलावा आगजनी की घटनाओं में इनका उपयोग हो सकेगा। जबकि दो साल पहले जिला पंचायत ने पंचायतों से कहा था कि वे टैंकरों में मोटर पंप लगाएं ताकि आग बुझाने में उसका उपयोग हो सके।