घोटाला: गरीबों की थाली में घटिया चावल परोसने की तैयारी
घोटाला: गरीबों की थाली में घटिया चावल परोसने की तैयारी
डिजिटल डेस्क बालाघाट। गरीबों की थाली में घटिया चावल परोसने की तैयारी के मामले में गत दिनों भारत सरकार के भाखानि के डिप्टी कमिश्रर विश्वजीत हलधर के द्वारा की गई चावल के सेम्पलों की जांच रिपोर्ट मप्र नागरिक आपूर्ति निगम को भेजने के बाद विभाग द्वारा जहां मिलर्स पर सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है। वहीं बुधवार को प्रमुख सचिव नागरिक आपूर्ति निगम ने मनुष्य के खाने योग्य नही इस तरह का रिसाइकिलिंग में खरीदे गए चावल से भारी भ्रष्टाचार कर लेनेदेन करते हुए घटिया चावल शासन को प्रदाय करने के मामले में बालाघाट जिला आपूर्ति अधिकारी आर.के. सोनी का निलंबन किया गया। इसके साथ ही मंडला के डीएम मनोज श्रीवास्तव को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया हैं। मामले में मुख्य आरोपी गुणवत्ता निरीक्षक एस.के.श्रीवास्तव मंडला में पदस्थ थे एवं के.के.मिश्रा बालाघाट में पदस्थ है इन दिनों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं।
उल्लेखनीय है कि विभाग के पास गुणवत्ता के लिए तकनीकी अधिकारी न होने की वजह से एफसीआई के सेवानिवृत्त गुणवत्ता निरीक्षको को नियुक्ति देकर प्रदेश में सरकार चावल खरीदी का काम कर रही हैं जिसमें बड़े- बड़े लेनदेन के चलते रिसाइकिलिंग का घटिया चावल दो दशक से प्रदेश में भंडारित हो रहा हैं, जितना खराब चावल होगा उतने अधिक चढ़ोत्तरी के रेट हैं ऐसी स्थिति में गुणवत्ता की रक्षा करने वाले भक्षको और जुड़े मिलर्स पर दंडात्मक कार्रवाई भी अपेक्षित है चूंकि बनाए गए नियम माल को बदलने एवं जांच रिपोर्ट में लीपापोती के बाद सारा मामला जहां-के तहां रफादफा हो जाता हैं। जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए गरीबों को बांटे जाने वाले चावल में एक बड़ा घोटाला सामने आया था। सरकारी गोदामों में गरीबों को वितरित किए जाने के लिए लाया गया राशन का चावल आदमी के लायक नहीं था। भारत सरकार के फूड एवं सिविल सप्लाई मिनिस्ट्री के जांच दल यहां कुछ गोदामों के सैम्पल लिये थे। जिसमें सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदी धान के बदले कस्टम मिलिंग के जरिए व्यापारियों द्वारा सप्लाई किए गए चावल के नमूने जांच में रिजेक्ट हुए हैं।