एसीजे आरएस झा पंजाब एवं हरियाणा और जस्टिस जेके माहेश्वरी बनेंगे आंध्रप्रदेश के चीफ जस्टिस

एसीजे आरएस झा पंजाब एवं हरियाणा और जस्टिस जेके माहेश्वरी बनेंगे आंध्रप्रदेश के चीफ जस्टिस

Bhaskar Hindi
Update: 2019-08-31 07:29 GMT
एसीजे आरएस झा पंजाब एवं हरियाणा और जस्टिस जेके माहेश्वरी बनेंगे आंध्रप्रदेश के चीफ जस्टिस

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के दो जजों को दो अलग-अलग राज्यों के चीफ जस्टिस बनाने की अनुशंसा की है। मप्र हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस को पंजाब और हरियाणा और जस्टिस जेके माहेश्वरी को आंध्रप्रदेश का चीफ जस्टिस बनाने की अनुशंसा की गई है। केन्द्रीय कानून मंत्रालय और राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद नियुक्ति आदेश जारी किया जाएगा। 
 

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त हो चुके

प्राप्त जानकारी के अनुसार 28 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की बैठक आयोजित की गई थी। कॉलेजियम की अध्यक्षता चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने की, जबकि जस्टिस एसए बोवडे और जस्टिस एसवी रमन्ना कॉलेजियम के सदस्य थे। कॉलेजियम ने कहा कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त हो चुके है। उनके स्थान पर मप्र हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ आरएस झा को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त करने की अनुशंसा की जाती है। 
 

केन्द्र सरकार ने जस्टिस विक्रम नाथ का नाम किया था वापस 

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने कहा कि 8 अप्रैल 2019 को आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के पद के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के वरिष्ठ जज जस्टिस विक्रम नाथ के नाम की अनुशंसा की गई थी, लेकिन केन्द्र सरकार ने जस्टिस विक्रम नाथ का नाम वापस कर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था। कॉलेजियम ने 8 अप्रैल को की गई अनुशंसा को वापस लेते हुए मप्र हाईकोर्ट के वरिष्ठ जज जस्टिस जेके माहेश्वरी को आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट का चीफ बनाने की अनुशंसा की है। 

यूनिवर्सिटी छात्रों का भविष्य बचाने उच्च शिक्षा विभाग से चर्चा करें 

हाईकोर्ट ने सागर यूनिवर्सिटी को निर्देशित किया है कि जिन 2 हजार बीएड छात्रों के प्रवेश निरस्त किए गए है, उनका भविष्य बचाने के लिए उच्च शिक्षा विभाग से चर्चा कर युगल पीठ को अवगत कराएं। एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा और जस्टिस विजय शुक्ला की युगल पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 6 सितंबर को नियत की है।उल्लेखनीय है कि बीएड में गलत तरीके से प्रवेश देने के बाद सागर यूनिवर्सिटी ने 2 हजार छात्रों का प्रवेश निरस्त कर दिया गया था। अभी तक छात्रों को उनकी फीस भी वापस नहीं की गई है। अधिवक्ता मुकुंददास माहेश्वरी ने युगल पीठ को बताया कि एमपी ऑनलाइन की द्वितीय अतिरिक्त राउंड की काउंसलिंग का समय भी निकल चुका है। सागर यूनिवर्सिटी से संबद्द्ध 37 कॉलेज एमपी ऑनलाइन में पंजीकृत नहीं है। ऐसी स्स्थिति में सागर यूनिवर्सिटी के 37 कॉलेज छात्रों को पुन: प्रवेश देने की पात्रता नहीं रखते है। ऐसी स्थिति में एमपी ऑनलाइन की बची हुई 2500 सीटों पर इन दो हजार छात्रों को पूर्व से पंजीकृत कॉलेजों में शिफ्ट कर दिया जाए। युगल पीठ ने इस संबंध में सागर यूनिवर्सिटी को निर्देशित किया है कि छात्रों का भविष्य बचाने के लिए उच्च शिक्षा विभाग से चर्चा कर उसका युगल पीठ को अवगत कराए।

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