Jabalpur News: 6-6 माह से नहीं खुल रहीं राशन की कई दुकानें, भटक रहे लोग
- स्टॉक में दिख रहा कई क्विंटल अनाज इसलिए अलॉटमेंट रुका
- जानकारों का कहना है, कि पोर्टल पर इन दुकानों के पास बड़ी मात्रा में अनाज भंडारित दिखा रहा है
- दुकानें बंद होने से उपभोक्ताओं को दूसरी दुकानों से अनाज प्रदाय किया जा रहा है
Jabalpur News: राशन की कई दुकानें ऐसी हैं जो कुछ दिन नहीं बल्कि कुछ माहों से बंद हैं और उनके उपभोक्ता परेशान हो चुके हैं। 6-6 माह से उन्हें अनाज के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। कई बार शिकायतें की गईं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सबसे अधिक परेशानी शीतला माई क्षेत्र में है। यहाँ की 3 दुकानें तो लम्बे समय से बंद चल रही हैं। इसी प्रकार बिलपुरा में भी लोग परेशान हैं। इस मामले में खाद्य आपूर्ति विभाग का कहना है कि बंद रहने वाली दुकानों के स्टॉक में अनाज दर्ज है जबकि उन्होंने उसका बंदरबाँट कर दिया है। यही कारण है कि वे दुकान बंद रख रहे हैं। लाेगों की सुविधा के लिए रास्ते तलाशे जा रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शीतला माई क्षेत्र की राष्ट्रीय उपभोक्ता भंडार, जनकल्याण उपभोक्ता भंडार और इंदिरा विकास उपभोक्ता सहकारी भंडार करीब 6 माह से भी अधिक समय से बंद हैं। यहाँ के उपभोक्ता जब दुकान जाते हैं तो उनमें ताले ही नजर आते हैं। कई लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायतें कीं लेकिन इसके बाद भी कुछ नहीं हो पाया। यही हाल बिलपुरा और सुहागी का भी है।
यहाँ की भी कुछ दुकानें अलॉटमेंट न होने के कारण बंद चल रही हैं। जानकारों का कहना है कि पोर्टल पर इन दुकानों के पास बड़ी मात्रा में अनाज भंडारित दिखा रहा है और यही कारण है कि इनको अनाज का अलॉटमेंट नहीं हो पा रहा है। वास्तविकता यह है कि इन दुकान संचालकों ने अनाज या तो बाजार में बेच दिया या फिर बिना पात्रता पर्ची वाले उपभोक्ताओं को बेच दिया है। अब वे परेशानी में आ गए हैं।
दूर से लाना पड़ता है अनाज
दुकानें बंद होने से उपभोक्ताओं को दूसरी दुकानों से अनाज प्रदाय किया जा रहा है, लेकिन इसके लिए उन्हें या तो भटकना पड़ता है या दुकानदारों की झिड़कियाँ सुननी पड़ती हैं। दुकानदार अपने उपभोक्ताओं को प्राथमिकता देते हैं और पोर्टेबिलिटी वाले उपभोक्ताओं को भटकाया जाता है।
अधिकारी बचते हैं बोलने से
इस मामले में अधिकारी भी कुछ नहीं बोलते। शीतलामाई का क्षेत्र देखने वालीं सहायक आपूर्ति अधिकारी अनीता सोरते से सम्पर्क के लगातार प्रयास किए गए लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। वहीं स्थानीय परेशान होने वाले लोगों का कहना है कि वे खुद कई बार जनसुनवाई और यहाँ तक कि सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत कर चुके हैं लेकिन कोई हल नहीं निकल रहा।