मजदूरी की जगह मिली फटकार, खाली हाथ रवाना - औंरगाबाद से 500 किमी पैदल चलकर तिरोड़ी पहुंचे इलाहाबाद के मजदूर

मजदूरी की जगह मिली फटकार, खाली हाथ रवाना - औंरगाबाद से 500 किमी पैदल चलकर तिरोड़ी पहुंचे इलाहाबाद के मजदूर

Bhaskar Hindi
Update: 2020-12-03 09:30 GMT
मजदूरी की जगह मिली फटकार, खाली हाथ रवाना - औंरगाबाद से 500 किमी पैदल चलकर तिरोड़ी पहुंचे इलाहाबाद के मजदूर

डिजिटल डेस्क तिरोड़ी\बालाघाट । मजदूरी करने सैकड़ों मीलों का सफर तय कर उत्तरप्रदेश से महाराष्ट्र के औरंगाबाद पहुुंचे 14 श्रमिक बुधवार को जिले के तिरोड़ी क्षेत्र में महाराष्ट्र की सीमा के समीप ग्राम सीता पठौर में बदहवास हालात में घूमते दिखाई दिए। जिसकी सूचना स्थानीय लोगों से मिलने के बाद तिरोड़ी के तहसीलदार और पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर इन मजदूरों के क्षेत्र में मौजूदगी का कारण पता किया। जिस पर यह ज्ञात हुआ की इलाहबाद जिले के हाडिया गांव से ये सभी मजदूर एक निजी कंपनी के बुलावे पर और एक दलाल के माध्यम से महाराष्ट्र के औरंगाबाद पहुुंचे थे। यहां कंपनी के मालिक द्वारा उनसे अपना काम करवाकर बिना वेतन दिए उन्हें भगा दिया गया। इसके बाद ये श्रमिक पिछले 10 दिनों से पैदल चलकर औरंगाबाद से तिरोड़ी के सीतापठौर पहुंचे हैं। इसके बाद प्रशासन ने मजदूरों के लिए बस की व्यवस्था की और उन्हें उनके घर भेजने का प्रबंध किया है। 
रोज तय किया लगभग 50 किमी का सफर, रास्ते में नहीं मिली कोई मदद
 मजदूरों में सबसे उम्रदराज राजू ने बताया कि वे लगभग 10 दिन पहले मालिक द्वारा पगार देने से मना करने के बाद औरंगाबाद से अपने घर यूपी के इलाहबाद जाने के लिए पैदल ही निकले थे, लेकिन इस दौरान उन्हें रास्ते में कहीं किसी तरह की मदद नहीं मिली। रोज लगभग 50 किमी से अधिक की दूरी वे लोग पैदल ही तय करते थे। राजू ने बताया कि आज बुधवार को बालाघाट के सीता पठौर पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने उनके लिए भोजन की व्यवस्था की। इसके बाद यहां के अधिकारियों ने बात कर हमें घर जाने के प्रबंध करने का आश्वासन भी दिया है। मजदूरों के इस समूह में प्रकाश, पतिलाल, राजकुमार, महेश, तेजराम, राजू, विशाल, बिंदू वनवासी, ओमप्रकाश वनवासी, जोगिंदर वनवासी एवं त्रिभुवन का समावेश है।
इलाहबाद तक छोडऩे जाएंगी बसें
 स्थानीय लोगों से सूचना मिलने पर मजदूरों से मिलने पहुंचे तिरोड़ी थाना प्रभारी चैनसिंह उइके और तहसीलदार भगवान दास कुमरे ने इन मजदूरों से चर्चा करने उनके घर पहुंचने का प्रबंध किया। प्रशासन द्वारा सभी 14 मजदूरों  को उनके घर भेजने के लिए बस का प्रबंध किया गया है। जो यूपी बॉर्डर तक इन श्रमिकों को पहुंचाने के लिए रवाना कर दी गई है। 
 

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