Rajasthan Crisis: हाईकोर्ट में सचिन पायलट गुट की याचिका पर सुनवाई
Rajasthan Crisis: हाईकोर्ट में सचिन पायलट गुट की याचिका पर सुनवाई
- HC में पायलट की तरफ से हरीश साल्वे ने कहा- नोटिस रद्द किया जाए
- स्पीकर की ओर से बागी विधायकों को जारी नोटिस के खिलाफ याचिका
डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान में जारी सियासी घमासान अब हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। ताजा विवाद राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की तरफ से कांग्रेस के बागी विधायकों को भेजे गए नोटिस को लेकर है। इस मामले में सचिन पायलट गुट के लोगों ने कोर्ट में याचिका दायर कर विधानसभा स्पीकर के नोटिस को चुनौती दी है। सचिन पायलट समेत 19 विधायकों की इस याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट की डिवीजनल बेंच ने शुक्रवार को सुनवाई की। इससे पहले गुरुवार को हाईकोर्ट में दो बार इस मामले की सुनवाई हुई। पहले सिंगल बेंच ने मामला सुना और फिर पायलट खेमे ने दोबारा संशोधित याचिका पेश की। इसके बाद मामला डबल बेंच को भेज दिया गया।
वहीं, विधायकों को विधानसभा में अपना जवाब पेश करने के लिए भी शुक्रवार 1 बजे तक का ही समय है। जवाब नहीं देने पर स्पीकर द्वारा विधायकों को अयोग्य घोषित किया जा सकता है। दरअसल कांग्रेस पदाधिकारियों ने कहा था, पायलट और 18 अन्य विधायकों ने व्हिप की अवहेलना की थी और विधायक दल की बैठकों में शामिल नहीं हुए थे। जोशी ने बुधवार को पार्टी द्वारा राज्य विधानसभा से अयोग्य घोषित करने की मांग के बाद नोटिस जारी किया।
गुरुवार को सुनवाई के दौरान सचिन पायलट की ओर हरीश साल्वे ने कहा, इस नोटिस को रद्द किया जाए और अवैधानिक घोषित किया जाए। साल्वे ने कहा, सदन से बाहर हुई कार्यवाही के लिए विधानसभा अध्यक्ष नोटिस जारी नहीं कर सकते। नोटिस की संवैधानिक वैधता नहीं है। इसलिए इसे तुरंत रद्द किया जाए।
इस बीच भाजपा ने व्हिप को असंवैधानिक और अवैध करार दिया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा, अध्यक्ष अनुपस्थित रहने के लिए विधायकों पर व्हिप कैसे जारी कर सकते हैं। अगर विधायक विधानसभा की कार्यवाही में चर्चा से अनुपस्थित रहते हैं तो उन्हें व्हिप जारी किया जाता है।