Rajasthan Politics: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा सियासी संग्राम, स्पीकर ने दायर की याचिका, HC के आदेश को दी चुनौती
Rajasthan Politics: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा सियासी संग्राम, स्पीकर ने दायर की याचिका, HC के आदेश को दी चुनौती
- नोटिस मामले में SC पहुंचे स्पीकर सीपी जोशी
- राजस्थान में तेज हुआ सियासी संग्राम
डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान में चल रहा सियासी संग्राम फिलहाल कम होता नजर नहीं आ रहा है। विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने का मसला अब हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। दरअसल सचिन पायलट समेत कांग्रेस के 19 विधायकों को स्पीकर की ओर से जारी नोटिस के खिलाफ पायलट गुट हाईकोर्ट पहुंचा था। मंगलवार को HC ने पायलट खेमे को राहत देते हुए स्पीकर को आदेश दिया कि, वो विधायकों पर 24 जुलाई तक किसी तरफ का कोई भी एक्शन न लें। अब राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी ने हाईकोर्ट के इस फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी है। ऐसे में राज्य की सियासत एक बार फिर नए रंग में बदलती नजर आ रही है।
Speaker"s responsibilities are well defined by Supreme Court Constitution. As Speaker I got an application to seek info on it, I issued show-cause notice. If show cause notice will not be issued by authority, then what is the work of authority: Rajasthan Assembly Speaker https://t.co/FhZCQ3APUN
— ANI (@ANI) July 22, 2020
स्पीकर सीपी जोशी ने दायर की SLP
विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। वकील सुनील फर्नाडिंज के जरिए ये याचिका दायर की गई है। स्पीकर का कहना है कि, किसी विधायक को अयोग्य घोषित करने का अधिकार स्पीकर का है, जबतक फैसला ना हो जाए तबतक कोई इसमें दखल नहीं दे सकता है। हम संसदीय लोकतंत्र का पालन कर रहे हैं। स्पीकर ने कहा, किसी विधायक को नोटिस देना स्पीकर का काम है, हम सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन्स का पालन कर रहे हैं। अभी तो सिर्फ नोटिस भेजा गया है, कोई फैसला नहीं लिया गया।
Special Leave Petition (SLP) has been filed by Rajasthan Speaker CP Joshi against the stay order passed by the Rajasthan High Court yesterday on the writ petition by Sachin Pilot 18 other MLAs asking Speaker to not take action against them till 24th July. https://t.co/ORAO5nAdbM
— ANI (@ANI) July 22, 2020
स्पीकर ने कहा, अगर हम कोई फैसला करते हैं, तो कोर्ट रिव्यू कर सकता है। हमारी अपील है, विधानसभा के अध्यक्ष के काम में हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। जोशी ने कहा, जब अध्यक्ष ने कोई आदेश पारित नहीं किया तो एक याचिका को प्रक्रियात्मक स्तर पर क्यों दर्ज किया गया, जबकि विधायकों को सिर्फ कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। उन्होंने कहा, कोर्ट ने अबतक जो भी फैसला दिया है, मैंने उसका सम्मान किया है। लेकिन, सम्मान और स्वीकृति का क्या यह मतलब है कि एक अथॉरिटी दूसरे की भूमिका को ओवरलैप कर लें?
Rajasthan Crisis: पायलट खेमे को HC से राहत, स्पीकर को 24 जुलाई तक कार्रवाई नहीं करने का आदेश
व्हिप उल्लंघन को लेकर जारी किया गया था नोटिस
गौरतलब है कि, राजस्थान में डिप्टी सीएम रहे सचिन पायलट के बागी तेवर दिखाने के बाद सीएम गहलोत ने तत्काल प्रभाव से विधायक दल की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में पायलट समेत 19 विधायक नहीं पहुंचे थे। कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष से बागी विधायकों की शिकायत कर उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त करने के लिए कहा था। इसके बाद गहलोत सरकार द्वारा जारी व्हिप का उल्लंघन करने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने बैठक में अनुपस्थित पायलट समेत 19 बागी विधायकों को सदस्यता खत्म करने का नोटिस जारी किया था।
शुक्रवार से HC में हो रही सुनवाई
स्पीकर द्वारा जारी इस नोटिस के खिलाफ पायलट समेत 19 विधायकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट में शुक्रवार से सुनवाई शुरू हुई जोकि मंगलवार तक चली इस दौरान सभी पक्षों ने अपनी दलीलें रखीं। सोमवार को भी इस मसले पर मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत मोहंती और न्यायमूर्ति प्रकाश गुप्ता की पीठ ने सुनवाई की। स्पीकर की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी थी कि, अभी तक स्पीकर ने किसी भी विधायक को अयोग्य घोषित नहीं किया है, ऐसे में कोर्ट का हस्तक्षेप करना ठीक नहीं है।
मंगलवार को फिर से स्पीकर के अयोग्यता नोटिस पर राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। पायलट गुट की ओर से मुकुल रोहतगी ने अपनी बात रखी। सुनवाई के दौरान रोहतगी ने कहा, हाईकोर्ट की शक्तियों पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता, अदालत को इस मामले को सुनने का अधिकार है। हर मामले को अलग तर्कों के साथ देखना चाहिए। रोहतगी ने कहा, आया राम-गया राम को रोकने के लिए दल बदल कानून बना था, लेकिन स्पीकर का नोटिस 10वें शेड्यूल को रोकने वाला है।
पायलट खेमे को 24 जुलाई तक राहत
तमाम दलीलों पर जस्टिस इंद्रजीत मोंहती और जस्टिस प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने मंथन करने के बाद फैसले को सुरक्षित रखने के बात कही। कोर्ट ने कहा, इस मामले में 24 जुलाई को फैसला लिया जाएगा। साथ ही कोर्ट की ओर से विधानसभा स्पीकर को आदेश दिया गया कि, वो 24 जुलाई तक विधायकों पर कार्रवाई ना करें। ऐसे में पायलट खेमे को राहत मिली, लेकिन अब स्पीकर ने यह साफ कर दिया है कि, दल-बदल कानून पर स्पीकर ही फैसला लेगा, ऐसे में स्पीकर के फैसले के बाद हाईकोर्ट के पास रिव्यू का अधिकार है।