राजस्थान: गहलोत सरकार पर संकट, होटल में 24 MLA, पायलट समेत कांग्रेस के 12 विधायक सोनिया से मिलने दिल्ली पहुंचे
राजस्थान: गहलोत सरकार पर संकट, होटल में 24 MLA, पायलट समेत कांग्रेस के 12 विधायक सोनिया से मिलने दिल्ली पहुंचे
- गहलोत ने बीजेपी पर सरकार गिराने का आरोप लगाया
- राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार पर गहराता संकट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान में एक बार फिर सियासी ड्रामा शुरू हो गया है। यहां की गहलोत सरकार पर संकट गहराता नजर आ रहा है। कांग्रेस के 20 से अधिक विधायकों और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बीजेपी पर सरकार गिराने और विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश करने का आरोप लगा रहे हैं। हालांकि बीजेपी ने कांग्रेस के इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि, यह कांग्रेस का अंदरूनी मामला है। इसी बीच बीजेपी को लेकर सीएम गहलोत और डेप्युटी सीएम सचिन पायलट आमने-सामने आ गए हैं।
राजस्थान के 24 विधायक मानेसर में होटल में पहुंचे
दरअसल गहलोत और सचिन पायलट के बीच आपसी खींचतान की चर्चाओं को बल तब मिला, जब खबर सामने आई कि पायलट दिल्ली में है। वहीं शनिवार रात हरियाणा के मानेसर में राजस्थान के 24 विधायक होटल में पहुंचे। यह वैसी ही स्थिति बनती दिख रही है, जैसे मध्यप्रदेश में सिंधिया के समर्थक विधायक पहले हरियाणा के गुड़गांव और फिर कर्नाटक में जाकर एक रिसॉर्ट में ठहरे थे।
पायलट के बाद कांग्रेस के 12 विधायक पहुंचे दिल्ली
राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली पहुंचे हैं। उन्होंने पार्टी प्रमुख से मिलने के लिए समय मांगा है। सूत्रों ने बताया, पायलट के खेमे के करीब एक दर्जन विधायक एनसीआर-दिल्ली क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर ठहरे हुए हैं। पायलट शनिवार को दिल्ली पहुंचे। सूत्रों के अनुसार, पायलट खेमे के सदस्य माने जाने वाले विधायक पीआर. मीणा ने राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार द्वारा उनसे किए जाने वाले सौतेले व्यवहार से सोनिया गांधी को अवगत कराने के लिए उनसे मिलने की मांग की थी।
इसी बीच मुख्यमंत्री गहलोत ने शनिवार देर रात जयपुर में अपने आधिकारिक आवास पर अपने मंत्रियों की बैठक बुलाई और सभी पार्टी विधायकों को उन्हें समर्थन पत्र देने को कहा। इस कार्य के लिए वरिष्ठ मंत्रियों को चुना गया है। बैठक में पायलट और उनके समर्थक मंत्री शामिल नहीं हुए।
विधायकों को 25 करोड़ का ऑफर दे रहे
शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम अशोक गहलोत ने कहा था, "बीजेपी के नेताओं ने मानवता की सारी हदें पार कर दी हैं। एक तरफ हम कोरोना से जिंदगी बचाने में लगे हैं। वहीं, ये लोग सरकार गिराने में लगे हैं।" गहलोत ने कहा था, "बीजेपी नेता सतीश पूनिया, राजेंद्र राठौड जिस तरह का खेल कर रहे हैं, वह राजस्थान की जनता समझ गई है। एडवांस में 10 करोड़ दे रहे हैं। फिर 15 करोड़ की बात कह रहे हैं। प्रदेश में आज तक ये परंपरा नहीं रही है। हमने हॉर्स ट्रेडिंग नहीं की। ये जो खेल कर रहे हैं, वो सबके सामने है। राजस्थान में भी माहौल बनाया जा रहा है। जिस प्रकार मध्यप्रदेश में घटना हुई है। वैसा ही राजस्थान में हो जाए।"
गहलोत ने कहा, "गोवा, मणिपुर में देखिए, वहां पर कांग्रेस की सरकारें बदली गईं। उत्तरखंड में 5 मंत्री वो हैं, जो कांग्रेस से गए। महाराष्ट्र में कमाल हो गया। बहुमत नहीं था, तब भी शपथ दिला दी गई। मध्यप्रदेश में सभी को मालूम है क्या हुआ। इनकी सोच ही यही है।"
बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार किया
उधर, कांग्रेस के इन आरोपों पर पलटवार करते हुए बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा, कांग्रेस कोविड-19 के संकट को ठीक तरह से मैनेज नहीं कर पाने के कारण ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। खरीद-फरोख्त के आरोप बीजेपी को बदनाम करने की साजिश है। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) जिस कांग्रेस विधायक की खरीद-फरोख्त की बात कह रही है। वह विधायक ही ऐसा कुछ नहीं होने की बात कह रही है। यह सरकार खुद अंतर्कलह का शिकार है।
हॉर्स ट्रेडिंग के मामले में दो बीजेपी विधायक अरेस्ट
बता दें कि विधायकों की खरीद फरोख्त मामले में ब्यावर के दो बीजेपी नेताओं भरत मालानी और अशोक सिंह का नाम सामने आया है। इन्हें ब्यावर उदयपुर से स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने गिरफ्तार किया है। राजस्थान SOG के मुताबिक मालानी की कॉल रिकॉर्डिंग से पता चला है कि विधायकों को खरीदने की कोशिश जा रही है। बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि SOG के दर्ज मामले की स्क्रिप्ट राज्य सरकार के स्तर पर लिखी गई है। इससे साबित हो गया है कि सरकार विधायकों के फोन टेप करा रही है। ये विशेषाधिकार हनन का मामला है, बीजेपी के खिलाफ साजिश है। हम कानूनी कार्रवाई करेंगे।