मेलघाट के बाहर से ही दौड़ेगी रेल, नया रेलवे ट्रैक डालने का निर्णय
बदलाव मेलघाट के बाहर से ही दौड़ेगी रेल, नया रेलवे ट्रैक डालने का निर्णय
डिजिटल डेस्क, तेल्हारा/हिवरखेड़। 70 वर्ष पुरानी पूर्णा-खंडवा-वान रेलवे मेलघाट के प्रस्तावित ब्राडगेज लाइन का निर्माण कार्य विगत पांच वर्षों से अटका हुआ है। अब केंद्र शासन के वेस्टन जोन काउन्सलिंग की हाल ही में हुई बैठक में वैकल्पिक नया रेलवे ट्रैक डालने का निर्णय लिया गया। सातपुडा की गोद में बसे मेलघाट से मराठी के चार का आंकडे के साथ ही घुमावदार नैसर्गीक परिसर व बोगदे में से जानेवाली रेलवे अब व्याघ्र प्रकल्प के बाहर से जाएगी। पुराने रेलवे मार्ग हिवरखेड के पास से तुकईथड की यात्रा के दौरान नैसर्गीक वातावरण के भरा व्याघ्र प्रकल्प विविध वनौषधियों, बड़े-बडे पेड़ो के साथ ही नदी-नाले आदि से होकर रेलवे जाती थी। चार के आंकडे का आकर दिखनेवाले रेलवे ट्रैक सभी उत्तर भारत से जोड़नेवाली शार्टकट अकोट-खंडवा रेलवे मार्ग से जाते हुए दिखाई देते थे।
मीटरगेज का परिवर्तन ब्राडगेज में होकर नया अकोला खंडवा मार्ग का नुतनिकरण से रेलवे मार्ग बंद है। अकोट से हिवरखेड़ तक 52 नालों के साथ ही उन पर बने प्राचिन रेलवे पुल सहित बड़े-बड़े लोहे के पुल आदि तुकईथड तक निकाल दिए गए है। आगे वन्य जीव प्राणी संगठन, व्याघ्र प्रकल्प के साथ ही इस रोड से हो रही प्राणी, शेरों की शिकार, वनौषधि, मुसली आदि की तस्करी पर रोक लग लकती है। मार्ग के विस्तारिकरण से वन्य जीव विशेष रुप से शेर के साथ ही अन्य दुर्लभ प्राणियों की इस मार्ग के विस्तारिकरण से रक्षा होने की बात कही जा रही है। इस मार्ग के विस्तारिकरण का अनेक सामाजिक संगठनों की ओर से विरोध किया गया और इसके लिए न्यायालय में मिटरगेज रुक गया था। पर्यावरण प्रेमी की ओर से एड.मनीष जेसवानी ने इस पहलु को सामने रखकर सोनाला-जामोद मार्ग विस्तारिकरण करने की मांग की गई थी। इसके अलावा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे ने भी मेलघाट क्षेत्र में से ब्राडगेज लाइन के लिए विरोध दर्शाया था। परंतु अब नए मार्ग से अकोट, अड़गांव, हिवरखेड, सोनाला, जामोद, उसरणी, खाकनार आदि मार्ग से सर्वे के अनुसार मार्ग होने का महत्वपूर्ण निर्णय देश के गृहमंत्री अमित शाह की उपस्थिति में महाराष्ट्र शासन की ओर से ली गई दखल के बाद रेलवे विभाग की बैठक में लिया गया की जानकारी एड.मनीष जेसवानी ने दी।