पेंच-कन्हान की बंद पड़ी खदानों की जमीन वापस लेने शासन को सौंपी रिपोर्ट 

पेंच-कन्हान की बंद पड़ी खदानों की जमीन वापस लेने शासन को सौंपी रिपोर्ट 

Bhaskar Hindi
Update: 2019-05-29 07:49 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। पेंच-कन्हान क्षेत्र प्रबंधन के खिलाफ प्रशासन ने सख्ती शुरु कर दी है। पहले नोटिस जारी करने के बाद सोमवार को जिला प्रशासन ने 53 खदानों की जमीन वापस लेने का प्रस्ताव शासन को सौंप दिया है। सालों से बंद पड़ी इन खदानों की जमीन राज्य सरकार कभी भी वापस ले सकती है। भोपाल स्तर पर इस मामले में कागजी कार्रवाई को शुरु कर दिया गया है। 
 

मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक अधिकारियों को दिया आदेश
पिछले दिनों मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रशासनिक अधिकारियों को आदेश जारी करते हुए वेकोलि की बंद खदानों की जमीन वापस लेने के आदेश जारी किए थे। इन आदेशों के बाद अधिकारियों ने पेंचक्षेत्र की 25 और कन्हान क्षेत्र की 28 खदानों को चिन्हित किया था। जहां सालों से कोल उत्पादन बंद हो चुका है। इन बंद खदानों का डेड रेंट भी वेकोलि प्रशासन को नहीं चुका रहा था। पहले पेंच और कन्हान दोनों ही क्षेत्र के अधिकारियों को अल्टीमेटम देते हुए 15 दिनों में नोटिस का जवाब देने के लिए आदेशित किया गया था, लेकिन इन लोगों ने कागजी कार्रवाई को आगे नहीं बढ़ाया न ही नोटिस का जवाब शासन को भेजा। जिसके बाद सोमवार को जिला खनिज अधिकारी ने सभी 53 खदानों को लेप्स करने का प्रस्ताव शासन को जमा कर दिया है। अब इस मामले में आगे की कार्रवाई राज्य सरकार को करनी है। 

सरकार की प्लानिंग क्या
वेकोलि के एक बड़े रकबे का डेवलपमेंट सालों से रुका पड़ा है। डब्ल्यूसीएल के पेंच और कन्हान प्रबंधन ने परासिया और जुन्नारदेव के बड़े रकबे को कोल उत्पादन के लिए लिया था, लेकिन कोयले का ग्रेड गिरने और उत्पादन नहीं हो पाने के कारण इन खदानों को बंद कर दिया गया, लेकिन सरकार को जमीन वापस नहीं की गई। जिस वजह से कई सरकारी प्रोजेक्ट परासिया और जुन्नारदेव विकासखंड में नहीं आ पा रहे हैं। वजह जमीन की कमी बताई जा रही है। यदि बंद खदानों की जमीन राज्य सरकार को वापस मिल गई तो एक बड़ा क्षेत्र शासन को डेवलपमेंट के लिए मिल जाएगा।

इनका कहना है
- खदानों को लेप्स करने का प्रस्ताव शासन के पास जमा कर दिया गया है। पेंच और कन्हान क्षेत्र की 53 खदानों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। अब ये जमीन जिला प्रशासन वापस लेगा। मनीष पालेवार  जिला खनिज अधिकारी 
 

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