वापसी की बारिश से धान को पेरवा का खतरा

 भंडारा वापसी की बारिश से धान को पेरवा का खतरा

Bhaskar Hindi
Update: 2022-10-27 12:32 GMT
वापसी की बारिश से धान को पेरवा का खतरा

डिजिटल डेस्क, भंडारा. बीज रोपाई से लेकर फसल हाथ में आने तक के समय तक प्रत्येक किसान परिश्रम करते हैं। किसानों की यह मेहनत के नतीजे के स्वरूप प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी खेत में फसल लहलहा रही है। मात्र, प्रत्यक्ष में धान का दाना अधपका है। इससे किसानों की दिवाली, मंडई बेरंग हुई है। किसानों के अनुसार फसल पर आ रहे पेरवा रोग से हाथ में आयी फसल हाथ से जाने की आशंका है। इससे किसानों पर फिर संकट मंडरा रहा है। इस वर्ष प्रारंभ से अंत तक यानी धान रोपाई से धान चुराई तक किसानों को कई समस्या का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे बिकट हालात का सामना करने के लिए यहां के किसान आज भी हिम्मत से खडे़ होने का दिखाई दे रहा है। अड्याल परिसर में किसानों को पहला झटका मिला वह बाढ़ का इससे किसानों की धान फसल पानी से बह गई थी। इस पर फिर किसानों ने खेत में दूसरी बार रोपाई की। खाद, कीटनाशक दवा आिद समय-समय पर फसल पर छिड़काव कर के फसल भी आयी। वापसी के बारिश ने दस्तक देकर किसानों का नियोजन बिगाड़ा। वापसी के बारिश के बाद फसल पर अब पेरवा रोग ने आक्रमण किया है। 

खेत में काटने के लिए तैयार दिख रही धान फसल पेरवा रोग के कारण  बीज पका नहीं है। जिससेे हल्के प्रजाति के धान फसल का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। अब भारी प्रजाति की धान फसल पर पेरवा के बढ़ते प्रकोप से किसान संकट में है। अड्याल व परिसर के एेसे अनेक किसान हैं। आज भी खेत में धान फसल की कटाई कर नहीं सकते। फसल पर पेरवा होने से अनाज का बीज पका ही नहीं। ऐसे अनेक किसान कह रहे हंै। कुछ किसानों को खेत में रही धान फसल को आग लगाने के अलावा दूसरा विकल्प नहीं रहा है। वापसी की बारिश ने दस्तक देकर अड्याल व परिसर के धान कटाई को ब्रेक लगा दिया था। अब फिर धान कटाई  व चुराई को शुरूआत हुई है। खेत में लहलहा रहे फसल पर पेरवा होने से किसानों की खुशी पर मातम छा गया है।
 

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