चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मन्दिरों मे भक्तों का उमड़ा जनसैलाब

बलिया चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मन्दिरों मे भक्तों का उमड़ा जनसैलाब

Bhaskar Hindi
Update: 2022-04-02 09:31 GMT
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मन्दिरों मे भक्तों का उमड़ा जनसैलाब

डिजिटल डेस्क, (बलिया ) जी हाँ चैत नवरात्र के पहले दिन मंदिरों में उमड़ा जनसैलाब बलिया लखनऊ राजधानी मार्ग पर रसड़ा तहसील क्षेत्र के पहाड़पुर गांव के दक्षिण पूर्व अवस्थित उचेड़ा गांव में माँ  चण्डी भवानी के मंदिर पर प्रथम दिन हजारों  श्रद्धालुओं का जनसैलाब  देखा गया।  
मंहत अजय गीरी  ने बतलाया कि   नवरात्र में यहां माता रानी को खप्पर, प्रसाद, नारियल, चुनरी आदि चढ़ाकर पूजा आराधना करने से मां भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण करती है।
विंध्याचल की माँ  विंध्यवासिनी की प्रतिमूर्ति के रूप में विख्यात इस मंदिर में माँ के सिरमुखी स्वरूप का यहां भक्तों को दर्शन होता है। 
जो चौबीस घण्टे में तीन रूप धारण मां करती है। सुबह में बाल्यावस्था, दोपहर में युवावस्था व रात्रि में वृद्धावस्था के रूप में दर्शन देने वाली माँ चण्डी चैत्र नवरात्र के अलावा भी सच्चे मन से दरबार में आने वाले भक्तों की मनोवांछित मनोकामनाएं पूर्ण करती है। मां चण्डी के स्वमेव उचेड़ा गांव में अवतरित होने की कथा भी काफी कौतूहल पूर्ण है।
कालान्तर में लगभग 200 वर्ष पूर्व मंदिर के समीप स्थल गोपालपुर गांव के एक ब्राम्हण प्रतिदिन मिर्जापुर विंध्याचल स्थित मां विंध्यवासिनी का दर्शन करने के लिये उस जमाने में पैदल ही जाया करते थे। समय बीतता गया और वृद्धावस्था में जब वे चलने फिरने में असमर्थ हो गये थे तो उन्होंने मां के दरबार में   माँ से गुहार लगाते हुए कहा माँ अब मै आपके पास नहीं आ पाऊंगा। इसलिये अब आपको मेरे साथ ही चलना होगा। यह सुन मां विंध्यवासिनी ने भक्त को अपेक्षित आश्वासन दिया। वहां से लौटने के बाद उक्त ब्राम्हण रोज की तरह अपने घर में सो रहे थे, कि एक दिन स्वप्न में माँ ने मंदिर के स्थान पर स्वमेव अवतरित होने की बात बतायी  स्वप्नन  देखते ही ब्राम्हण की नींद टुट गयी और सुबह होते ही निकल पड़े और खुदाई के दौरान माँ का दर्शन हुआ फिर धर्म प्रेमियों ने माताजी का मन्दिर का निर्माण कराया ।

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