भगवान भरोसे हैं सतना के 150 से भी ज्यादा एटीएम ,सुरक्षा के इंतजाम नहीं
भगवान भरोसे हैं सतना के 150 से भी ज्यादा एटीएम ,सुरक्षा के इंतजाम नहीं
डिजिटल डेस्क, सतना। पुलिस अधीक्षक रियाज इकबाल की सख्ती के 10 दिन बाद भी जिला मुख्यालय में 29 बैंकों के 173 एटीएम की सुरक्षा भगवान भरोसे है। जब जिला मुख्यालय में एटीएम की सुरक्षा का ये हाल है तो फिर जिले के कस्बाई और ग्रामीण इलाकों में चल रहे एटीएम की हालत का अंदाजा सहजता से लगाया जा सकता है। बैंक सूत्रों के मुताबिक जिला मुख्यालय में हर दिन तकरीबन सवा करोड़ रुपए की नकद निकासी इन्हीं एटीएम के माध्यम से होती है। आरोप है कि एटीएम में डेबिट कार्ड बदल कर ठगी की बढ़ती घटनाओं के बाद भी बैंकर्स सबक लेने को तैयार नहीं हैं। बैंक अफसर ये कह कर छुट्टी पा लेते हैं कि एटीएम में केयर टेकर और गार्ड की तैनाती कारपोरेट एग्रीमेंट का हिस्सा है। इसमें उनका जोर नहीं।
खुद तो बैठे हैं बीमा कराकर
जानकारों ने बताया कि बैंक अपने एटीएम का बीमा कराकर जहां चैन की नींद सोते हैं, वहीं मुसीबत उस खातेदार की होती है, जो ठगी का शिकार हो जाता है। ऐसे खातेदार की फिर कहीं कोई सुनवाई नहीं होती है। एटीएम में तोडफ़ोड़ और लूटपाट की भरपाई तो बैंक अंतत: बीमा कंपनी से कर लेते हैं लेकिन जालसाजी के शिकार यूजर्स कहां जाएं ? इस सवाल का किसी के पास कोई जवाब नहीं होता है। कॉस्ट कटिंग के इस दौर में ज्यादातर बैंकों ने एटीएम की सुरक्षा में लगे गार्ड हटा लिए हैं। कुछेक ने उपभोक्ताओं की मदद के साथ -साथ एटीएम की सुरक्षा के लिए केयर टेकर तैनात कर रखे हैं। मगर, इन केयर टेकर के कुछ ही एटीएम बूथ में दर्शन होते हैं। जिन एटीएम बूथ में बैंकों ने गार्ड लगा रखे हैं, वो गार्ड भी आमतौर पर किसी सुरक्षा एजेंसी के होते हैं ? नियमों के तहत एटीएम बूथ पर 8-8 घंटे की तीन पारियों में गार्ड होने चाहिए लेकिन असल में ऐसा होता नहीं है। आरोप है कि एक ही सुरक्षा प्रहरी से काम चलाया जाता है।
न गार्ड न केयर टेकर, कुत्तों का डेरा
दैनिक भास्कर की पड़ताल में शहर के ज्यादातर एटीएम में न तो गार्ड मिले और न ही केयर टेकर। ये दीगर बात है कि एयरकूल्ड एटीएम बूथ में कुत्तों ने जरुर डेरा जमा रखा था। शहर में लगभग 29 नेशनल,क्षेत्रीय और निजी बैंकों की 50 शाखाएं संचालित हैं। जिनके 173 एटीएम बूथ हैं। ज्यादातर एटीएम बूथ एसबीआई के हैं। इन एटीएम बूथ की सुरक्षा की तरह कैश लोडिंग का काम भी कारपोरेट टाइअप के तहत निजी हाथों में है। एक अनुमान के मुताबिक औसतन एक एटीएम बूथ को 24 घंटे के दौरान लगभग 100 खातेदार नकद निकासी के लिए इस्तेमाल करते हैं।