नक्सलियों की अपनी संख्या बढ़ाने की नई स्ट्रैटजी, नए कैडर के जिले में मूवमेंट की संभावना
मालखेड़ी नक्सली हिंसा में रविवार को हॉक फोर्स की तीन पार्टी सर्चिंग में जुटी नक्सलियों की अपनी संख्या बढ़ाने की नई स्ट्रैटजी, नए कैडर के जिले में मूवमेंट की संभावना
डिजिटल डेस्क बालाघाट। पुलिस मुखबिर बताकर बैहर थाना क्षेत्र के ग्राम मालखेड़ी में नक्सलियों द्वारा दो ग्रामीणों की निर्मम हत्या के मामले में फिलहाल पुलिस को बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी है। इलाके में सर्चिंग में तेज कर दी गई है। रविवार को हॉक फोर्स जवानों की तीन पार्टी कान्हा नेशनल पार्क के आसपास के घने जंगलों में सर्चिंग में जुटी है। प्रत्येक पार्टी में 25 जवान हैं, जो पूरे एरिया को अलग-अलग जोन में बांटकर नक्सलियों की तलाशी और साक्ष्य जुटाने छानबीन कर रहे हैं। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, नक्सलियों की नई स्ट्रैटजी जिले में अपनी क्षमता को बढ़ाना है। नक्सली जानते हैं कि बीते कुछ वर्षांे में वो जिले में बड़ी घटना को अंजाम देने में विफल हुए हैं। इसलिए उनकी एक-साथ बड़ी संख्या में जंगल के रास्ते जिले में घुसने की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल पुलिस ने मालखेड़ी नक्सली हिंसा में शामिल खटिया मोचा दलम के नक्सलियों के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज किया है।
3 साल में 4 एनकाउंटर, 7 नक्सली ढेर
जानकारी के अनुसार, 2019 से अब तक हुए चार बार पुलिस-नक्सलियों का आमना-सामना हुआ, जिसमें 7 नक्सली मारे गए, जबकि तीन को गिरफ्तार किया गया। दूसरी तरफ, पुलिस पार्टी को नुकसान पहुंचाने से पहले ही पुलिस-हॉक फोर्स विस्फोटक बरामद कर उनके मंसूबों को विफल कर रही है। पुलिस को लगातार ऐसी सूचनाएं मिल रही हैं कि नक्सली महाराष्ट्र के गढ़चिरौली के रास्ते लगभग 100 नक्सलियों के कैडर के साथ जिले में मूवमेंट की तैयारी में हैं।
अमरकंटक में बनाना चाहते हैं सेंटर
पुलिस का कहना है कि लगभग चार-पांच साल पहले पुलिस को नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई के बाद कुछ दस्तावेज मिले थे, जिसमें पता चला था कि नक्सलियों का ऑल इंडिया को सेंटर अमरकंटक में बनाने की योजना है। दरअसल, नक्सली अपनी स्टैंथ बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। जो दूसरे राज्यों के दलमों के नक्सलियों का गढ़चिरौली, लांजी होते हुए बालाघाट में मूवमेंट करने का प्रयास कर रहे हैं।
हर जगह अपनी मौजूदगी दर्ज कराना मकसद
एसडीओपी बैहर आदित्य प्रताप मिश्रा ने बताया कि नक्सली सिर्फ बालाघाट ही नहीं मंडला, डिंडोरी जैसे जिलों में भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराने की कोशिश में हैं। पिछले कुछ समय में कान्हा नेशनल पार्क जो मंडला से जुड़ा है उक्त क्षेत्र में भी नक्सलियों की गतिविधियों की खबर बार-बार सामने आ रही है।
जिले में सक्रिय 6 प्रमुख दलम
- मलाजखंड दलम
- दर्रेकसा दलम
- टाडा दलम
- प्लाटून-2 और 3
- खटियामोचा (डेढ़ साल पहले गठित दलम)
(नोट: पुलिस के अनुसार, प्रत्येक दलम में नक्सलियों की संख्या अलग-अलग है। किसी में से 12-15 हैं तो किसी में 40 से 50)
छत्तीसगढ़ सीमा में ज्यादा सक्रियता
पुलिस के अनुसार, जिले की छत्तीसगढ़ सीमा से सटे बिठली, सोनगुड्डा, सालेटेकरी जैसे इलाकों में अक्सर लांजी के घने जंगलों के रास्ते नक्सली प्रवेश करते हैं। इनके अलावा चिलौरा, चिलकोना, राशिमेटा, दड़कसा, पितकोना, चौरिया, कोद्दापार, कोरका, बोंदारी, अडोरी, नवी, जगला, जालदा सहित अन्य सुदूर गांवों में नक्सलियों की सक्रियता ज्यादा है। हालांकि, नक्सली किसी एक स्थान पर नहीं रहते, बल्कि जंगलों में स्थान का बदलाव करते रहते हैं।