लापरवाही: समर्थन मूल्य पर धान बेचने किसान कर रहे इंतजार

2 लाख हैक्टेयर में लगाई थी धान लापरवाही: समर्थन मूल्य पर धान बेचने किसान कर रहे इंतजार

Bhaskar Hindi
Update: 2021-11-07 13:14 GMT
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डिजिटल डेस्क बालाघाट।  मौसम शुष्क होते ही जिले के किसानों द्वारा युद्धस्तर पर धान कटाई कर गहाई के कार्य में जुट गए है। जानकारी के अनुसार जिले में इस खरीफ सीजन में 2 लाख 65 हजार हैक्टेयर में धान फसल लगाई थी जिसमें से अब तक 2 लाख हैक्टेयर की कटाई कर गहाई की जा चुकी है,जबकि 65 हजार हैक्टेयर में लगी फसल की कटाई का काम चल रहा है। पखवाड़े के भीतर जिले में धान कटाई का काम लगभग पूर्ण हो जाएगा।
मौसम साफ होते ही काम में आई तेजी
मौसम को देखते हुए इन दिनों किसानों द्वारा खेतों मे ही खलिहान बनाकर कटाई के बाद गहाई में जुट गए है, ताकि यदि समय-बे समय बारिश हुई तो उन्हें परेशानियों का सामना ना करना पड़े। खरीफ की कटाई के बाद किसानों द्वारा रबी की तैयारी शुरु की जाएगी। किसानों का कहना रहा कि यदि मौसम इसी प्रकार साफ रहा तो नवम्बर माह के अंतिम एवं दिसम्बर माह के प्रथम और द्वितीय सप्ताह तक धान कटाई के साथ ही गहाई काम पूरा कर लिया जाएगा।
धान उपार्जन का कर रहे बेसब्री से इंतजार
इधर दूसरी तरफ जिले के किसान धान कटाई एवं गहाई के बाद अब बेसब्री के साथ समर्थन मूल्य पर धान की बिक्री के इंतजार में देखे जा रहे है। किसानों का कहना रहा कि पूर्व वर्षो में 16 से 25 नवम्बर के आसपास समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरु हो जाती थी, लेकिन अब तक खरीदी को लेकर किसी प्रकार की कोई जानकारी सामने नही आ रही है जिसको लेकर किसान चिन्तित नजर आ रहे है। ग्राम नैतरा के किसान खूबचंद पटेल, सरेखा के किसान हरिचंद मरार, बम्हनी के किसान कोमल मरार का कहना रहा कि उनके द्वारा करीब 10 एकड़ रकबे की धान कटाई कर गहाई की जा चुकी है अब धान उपार्जन का इंतजार किया जा रहा है। हल्की प्रजाति की धान कटाई का काम पखवाड़े पूर्व ही हो चुका है।
करीब सवा लाख किसानों ने कराया पंजीयन
विभागीय तौर पर बालाघाट जिले में धान उपार्जन को लेकर करीब सवा लाख किसानों ने पंजीयन कराया है, लेकिन विभागीय तौर पर अब तक खरीदी को लेकर कोई कार्ययोजना तैयार नही की गई है। जिन सोसायटियों में खरीदी की जानी है वहां पर किसी प्रकार की व्यवस्था नही है और न ही बारदाने पहुंच पाए है ऐसी स्थिति में नवम्बर माह के अंतिम हफ्ते में खरीदी शुरु होने की संभावना कम ही नजर आ रही है। हालाकि बालाघाट जिले की सीमा से लगे छत्तीसगढ़ राज्य में 1 दिसम्बर से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरु होने की जानकारी है ऐसी स्थिति में बालाघाट जिले के किसानों द्वारा भी जल्द ही खरीदी शुरु किए जाने की मांग की जा रही है।  
 त्योहार मनाने उपज बेचा तो नही मिला वाजिब दाम
किसानों का कहना रहा कि दीपावली त्योहार मनाने के लिए उनके द्वारा व्यापारियों एवं बिचौलियों को उपज बेचा तो उचित दाम नही मिल पाया। 1350 से लेकर 1450 रुपये प्रति क्विंटल में उनकी उपज की खरीदी की गई जिससे उन्हें घाटे का सौदा करना पड़ा। त्योहार मनाने के लिए किसानों को औने-पौने दाम में उपज बेचने मजबूर होना पड़ा।
तो क्यो नही दिया जा रहा बोनस
जानकारी के अनुसार इस साल धान का समर्थन मूल्य 1940 रुपये निर्धारित किया है लेकिन मप्र के किसानो को बोनस नही दिए जाने से उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है जबकि महाराष्ट्र राज्य में किसानों को समर्थन मूल्य के साथ ही प्रति क्विंटल बोनस दिया जाता है। किसानो का कहना है कि  उन्हे भी प्रति क्विंटल बोनस दिया जाना चाहिए ताकि किसानो को आर्थिक नुकसान ना उठाना पड़े।   
इनका कहना है
मौसम शुष्क होते ही जिले के किसान युद्धस्तर पर धान कटाई के साथ ही गहाई के काम में जुट गए है। जिले में इस खरीफ सीजन में धान का रकबा 2 लाख 65 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में था।
राजेश खोब्रागड़े उपसंचालक कृषि

 

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