सड़क निर्माण के विरोध में नक्सलियों ने दो मशनरी को जलाया, चार दिन में दूसरी घटना
बिरसा के बाद अब किरनापुर क्षेत्र में नक्सलियों की नापाक हरकतए बैनर-पर्चे टांग 10 दिसंबर को तीन राज्यों में बंद का आह्वा सड़क निर्माण के विरोध में नक्सलियों ने दो मशनरी को जलाया, चार दिन में दूसरी घटना
डिजिटल डेस्क बालाघाट। महज चार दिन पहले बिरसा के मछुरदा चौकी के ग्राम कोरका में रोड रोलर को आग के हवाले करने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि 15 से 20 नक्सलियों ने किरनापुर क्षेत्र के हट्टा थाना अंतर्गत किन्ही चौकी के वनग्राम बोदलझोला में एक ट्रैक्टर और एक सीमेंट-कंक्रीट मिक्सर मशीन में आग लगा दी। घटना, सोमवार शाम 5 से 6 बजे के बीच की है, जहां पर्चे व बैनर भी मिले हैं। इसमें नक्सलियों ने वही बात दोहराई है, जिसका जिक्र कोरका घटना में किया था। नक्सलियों ने महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में अपने प्रमुख नेता जीवा उर्फ मिलिंद तेलतुंबडे सहित 26 साथियों की हत्या के विरोध में 10 दिसंबर को महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य में बंद का फिर आह्वाहन किया है। एसपी अभिषेक तिवारी ने बताया कि इलाके में पुलिस और सीआरपीएफ टीम ने सर्चिंग तेज कर दी है। गौरतलब है कि कोरका घटना के दौरान नक्सलियों ने मजदूरों व ठेकेदार को सरकारी काम बंद रखने की चेतावनी दी थी। इसके बाद भी काम जारी रहने पर मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ जोनल कमिटी के नक्सलियों ने इस घटना को अंजाम दिया है।
पहाड़ी क्षेत्र में चल रहा था सीसी रोड का निर्माण
जानकारी के अनुसार, कलकाता से बोदलझोला के बीच करीब 15 किलोमीटर पहाड़ी पर सीमेंट सड़क निर्माण में मजदूर कार्य कर रहे थे। इस दौरान बड़ी संख्या में नक्सलियों ने सड़क निर्माण में लगी दो मशनरी में डीजल डालकर आग लगा दी। इस दौरान वहां कार्यरत मजदूर डर कर भाग गए। निर्माण कार्य देवेंद्र सिल्हारे द्वारा किया जा रहा था। बताया गया कि उक्त घटना कलकाता से 9 किमी पहले व बोदलझोला से 7 किमी पहले घटित हुई है। मौका स्थल में कोरका घटना की तर्ज पर नक्सलियों ने रस्सी से लाल रंग का बैनर और कुछ पर्चे टांगे हैं, जिन्हें जब्त कर लिया गया है।
एजेंसी व ठेकेदारों को देंगे सुरक्षा: एसपी
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए एसपी अभिषेक तिवारी ने कहा कि शासन द्वारा जिले के आदिवासी अंचलों में लगभग 300 किमी सड़क निर्माण की योजना है, लेकिन नक्सलियों द्वारा इन कार्यांे को बाधित किया जा रहा है। पुलिस द्वारा सड़क निर्माण में लगी एजेंसियों, मजदूरों व ठेकेदारों से संपर्क कर उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाएगी। साथ ही इलाके में सर्चिंग तेज कर नक्सलियों की पतासाजी की कार्रवाई में तेजी लाई जाएगी।
समझाइश के बाद रुका पलायन
मंगलवार सुबह जानकारी मिली थी कि घटना के बाद बोदलझोला के आदिवासी चार किमी दूर शिकारीटोला पलायन करने की तैयारी में थे। उनके पलायन की वजह ताजा घटना से उपजी दहशत के अलावा गांव में आज भी बिजली, सड़क, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव भी है। एसडीओपी लांजी के अनुसार वन व राजस्व विभाग द्वारा गांव में चौपाल लगाकर उन्हें सुविधाएं उपलब्ध कराने का भरोसा दिया गया है, जिसके बाद फिलहाल पलायन रुक गया है।
इनका कहना है
15 से 20 नक्सलियों द्वारा मिक्सर मशीन एवं ट्रैक्टर में आग लगाने की सूचना मिली है। वहां बैनर और पर्चे मिले हैं, जिसमें 10 दिसंबर के बंद कर का उल्लेख है। ठेकेदार द्वारा अभी रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है। घटना के बाद नक्सलियों की पतासाजी करने पुलिस सर्चिंग कर रही है।
दुर्गेश आर्मो, एसडीओपी, लांजी