12 दिसंबर को नेशनल लोक अदालत का आयोजन आपसी सहमति से होगा लंबित प्रकरणों का निराकरण

12 दिसंबर को नेशनल लोक अदालत का आयोजन आपसी सहमति से होगा लंबित प्रकरणों का निराकरण

Bhaskar Hindi
Update: 2020-11-06 08:55 GMT
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डिजिटल डेस्क, बालाघाट। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार, आगामी नेशनल लोक अदालत का आयोजन शनिवार 12 दिसंबर को किया जाना है। जिसमें दीवानी एवं आपराधिक शमनीय मामलों सहित सभी प्रकार के मामले रखे जायेंगे। जिनमें पक्षकारगण सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में आपसी सुलह एवं सहमति से प्रकरणों का निराकरण कराने हेतु प्रयास कर सकेंगे। नेशनल लोक अदालत, उच्च न्यायालय स्तर से लेकर जिला न्यायालयों, तालुका न्यायालयों, श्रम न्यायालायों, कुटुम्ब न्यायालयों में आयोजन की जायेगी। शनिवार 12 दिसंबर को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत हेतु राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा केटेगिरीवाइज चिन्हित किये गये विभिन्न न्यायालयों में रखे जाने वाले लंबित एवं प्रीलिटिगेशन प्रकरणों की प्रकृति इस प्रकार है- न्यायालयीन लंबित प्रकरणों में आपराधिक शमनीय प्रकरण, पराक्राम्य अधिनियम की धारा 138 के अतंर्गत प्रकरण, बैंक रिकवरी संबंधी मामलें, एम.ए.सी.टी. प्रकरण (मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा प्रकरण), श्रम विवाद प्रकरण, विद्युत एवं जल कर, बिल संबंधी (सिर्फ शमनीय प्रकरण), वैवाहिक प्रकरण, भूमि अधिग्रहण के प्रकरण, सेवा मामले जो सेवा निवृत्त संबंधी लाभों से संबंधित है, राजस्व प्रकरण (सिर्फ जिला, उच्च न्यायालयों में लंबित), दीवानी इत्यादि मामले महत्वपूर्ण है, इसके अलावा प्रीलिटिगेशन (मुकदमा पूर्व) के अंतर्गत पराक्राम्य अधिनियम की धारा 138 के अंतर्गत प्रकरण, बैंक रिकवरी संबंधी मामलें, श्रम विवाद संबंधी मामले, विद्युत एवं जल कर, बिल संबंधी सिर्फ शमनीय प्रकरण, वैवाहिक प्रकरण, दीवानी इत्यादि मामलें महत्वपूर्ण है। आमजनता एवं पक्षकारगणों से आग्रह किया गया है कि वे अपने न्यायालय में लंबित एवं मुकदमेबाजी के पूर्व (प्रीलिटिगेशन प्रकरण) उपरोक्त प्रकार के चिन्हित किये गये प्रकरणों, विवादों का उचित समाधान कर आपसी सहमति से लोक अदालत में निराकरण कराना चाहते है वे संबंधित न्यायालय अथवा उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से सम्पर्क कर अपना मामला लोक अदालत में रखे जाने हेतु अपनी सहमति व आवश्यक कार्यवाही यथाशीघ्र पूर्ण कराये और नेशनल लोक अदालत में अधिक संख्या में भाग लें।

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