नॉन-इंटरलॉकिंग के कारण कई गाड़ियों के मार्ग परिवर्तित
नॉन-इंटरलॉकिंग के कारण कई गाड़ियों के मार्ग परिवर्तित
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। प्री-नॉन इंटरलॉकिंग और नॉन-इंटरलॉकिंग के कार्य की वजह से पमरे से होकर गुजरने वाली कई गाड़ियों को परिवर्तित मार्ग से चलाने का निर्णय लिया गया है। इनमें पुणे गोरखपुर एक्सप्रेस अब इटारसी, बीना कटनी, मानिकपुर होकर चलेगी। वहीं गोरखपुर पुणे एक्सप्रेस, बांद्रा टर्मिनस सहरसा हमसफर एक्सप्रेस सहरसा बांद्रा टर्मिनस हमसफर एक्सप्रेस, पुणे दरभंगा एक्सप्रेस, दरभंगा पुणे एक्सप्रेस, वलसाड़ मुजफफरपुर श्रमिक एक्सप्रेस, मुजफफरपुर वलसाड़ श्रमिक एक्सप्रेस, बांद्रा टर्मिनस पटना सुपरफास्ट एक्सप्रेस, पटना बांद्रा टर्मिनस सुपरफास्ट एक्सप्रेस, पुणे मंडुआडीह ज्ञानंगा एक्सप्रेस,मंडुआडीह पुणे ज्ञानगंगा एक्सप्रेस, अहमदाबाद इलाहाबाद एक्सप्रेस को इटारसी, बीना, कटनी, मानिकपुर से चलाया जा रहा है।
शॉर्टकट प्रणाली से आक्रोशित लोको पायलट-गार्ड आज करेंगे प्रदर्शन
दो ट्रेक्शन में एक साथ काम कराने के खिलाफ लोको पायलट्स और गार्ड में आक्रोशित पनपता जा रहा है, जिसके खिलाफ पायलट्स और गार्ड ने वेस्ट सेंट्रल रेलवे इम्लाईज यूनियन के बैनर तले आज बुधवार को मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के सामने एक दिवसीय प्रदर्शन करने जा रहे हैं। यूनियन के मंडल सचिव नवीन लिटोरिया ने बताया कि संरक्षा के मामले में इन दिनों हद दर्जे की लापरवाही बरती जा रही है, जिसमें संरक्षा के नियमों को ताक पर रख दिया है। जबलपुर मंंडल का रनिंग स्टाफ इन दिनों अधिकारियों की तानाशाही और शॉर्टकट प्रणाली से त्रस्त है।
9 से 10 घंटे की डयूटी करवाने के बाद भी जबलपुर में स्टाफ को रिलीव न कर उनसे जबरन थ्रू किया जा रहा है। एक बार में 12 से 15 घंटे की डयूटी दबाव बनाकर करवाई जा रही है। वहीं यूनियन के मंडल अध्यक्ष बीएन शुक्ला ने बताया कि 18 जून 2019 को महाप्रबंधक और चीफ सेफ्टी ऑफिसर ने कहा था कि किसी भी लोको पायलट से एक बार में डीजल लोको या इलेक्ट्रिक लोको में से किसी एक ट्रेक्शन में ही काम कराया जा सकता है लेकिन प्रमुख मुख्य संरक्षा अधिकारी के आदेशों की धज्जियां उड़ाकर काम कराया जा रहा है, जिससे आए दुर्घटना की संभावना पैदा हो रही है। इससे पहले 8 मई 2019 को जबलपुर में एक गाड़ी दुर्घटना होते बची थी।