आयुष्मान लाभार्थियों से वसूले जा रहे थे पैसे, अब अस्पतालों पर नजर रखेंगे डॉक्टर
आयुष्मान योजना से अनुबंधित 31 निजी अस्पतालों की जाँच पूरी आयुष्मान लाभार्थियों से वसूले जा रहे थे पैसे, अब अस्पतालों पर नजर रखेंगे डॉक्टर
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। निजी अस्पतालों द्वारा आयुष्मान योजना के लाभार्थियों को अनावश्यक रूप से भर्ती कर शासकीय राशि के दुरुपयोग किए जाने की बात जाँच में सामने आई है, हालाँकि अस्पतालों के नाम अभी सामने नहीं आए हैं। लगातार शिकायतें सामने आने के बाद करीब 1 माह पूर्व कलेक्टर ने आयुष्मान से अनुबंधित निजी अस्पतालों की जाँच करने के लिए राजस्व एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की 8 संयुक्त टीमें गठित की थीं, जिन्हें 20 दिन के भीतर जाँच पूरी करने के निर्देश दिए गए थे।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सभी टीमों ने जाँच पूरी कर ली है और अब जल्द ही रिपोर्ट सौंपने की तैयारी है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मानें तो जाँच के दौरान कुछ अस्पतालों में आयुष्मान कार्डधारी मरीजों से पैसे लिए जाने की बात भी सामने आई थी, जिस पर कार्रवाई करते हुए मरीजों को राशि वापस दिलाई गई है। वहीं ऐसा दोबारा न हो इसलिए शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के पदस्थ्य चिकित्सकों को अस्पतालों में जाकर मॉनिटरिंग करने कहा गया है।
जाँच हेतु गठित की गई थीं टीमें
आयुष्मान कार्डधारी व्यक्तियों को अनावश्यक रूप से भर्ती कर शासकीय राशि के दुरुपयोग की मिली शिकायतों पर संभागायुक्त बी. चंद्रशेखर द्वारा संभाग के सभी जिला कलेक्टरों को आयुष्मान से अनुबंधित अस्पतालों की जाँच के निर्देश दिए गए थे, जिसके बाद कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन द्वारा जबलपुर जिले के 31 अस्पतालों की जाँच हेतु अधिकारियों की टीमें गठित की गई थीं। जाँच के दौरान अधिकारियों ने निजी अस्पतालों में भर्ती आयुष्मान कार्ड धारी मरीजों से बात की और योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता को देखा।
अस्पतालों की जाँच में गड़बड़ियाँ मिलने के बाद शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सकों की ड्यूटी निजी अस्पतालों में आयुष्मान मरीजों की मॉनिटरिंग के लिए लगा दी गई है, जो समय-समय पर विजिट कर मरीजों से जानकारी लेंगे कि योजना का लाभ देने के लिए अनावश्यक वसूली तो नहीं की जा रही।
-डॉ. आदर्श विश्नोई, नोडल अधिकारी