लाल नाला प्रोजेक्ट में प्रवासी पंछियों ने डाला डेरा

हिंगणघाट लाल नाला प्रोजेक्ट में प्रवासी पंछियों ने डाला डेरा

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-02 15:06 GMT
लाल नाला प्रोजेक्ट में प्रवासी पंछियों ने डाला डेरा

डिजिटल डेस्क, हिंगणघाट. प्रतिवर्ष प्रवासी पंछी देश के अलग-अलग क्षेत्र से भारतभर में विहार करते हैं। समुद्रपुर तहसील के पोथरा बांध के बाद अब हिंगणघाट के लाल नाला बांध में पंछियों का अधिवास बढ़ गया है। लाला नाला प्रकल्प पर फिलहाल प्रवासी पंछियों का डेरा है। जहां फ्लेमिंगो व क्रेन पंछी सभी के आकर्षण के केंद्र बने हुए हैं। अत्यंत आकर्षक यह पंछी बांधों पर देखने मिलते हंै। वर्ष 2019 में पोथरा बांध पर 47 फ्लेमिंगो पंछी आये थे। निसर्गसाथी फाउंंडेशन के अध्यक्ष प्रवीण कडू ने 18 पंछियों का पंजीयन किया था। उसकी तुलना में लाल नाला एकदम नया बांध है। लेकिन यहां पर भी बड़े पैमाने पर  प्रवासी पंछियों का आगमन हो रहा है।  2017 में फॉलकेटेड डक इस बांध पर पाया गया था। इस डक का महाराष्ट्र में राज्य का पहला पंजीयन यहीं हुआ था। 2020 में शेंडी डक की जोड़ी विहार करते हुए पहली बार दिखाई दी थी। अब यहां पहली बार सात फ्लेमिंगो पानी में दिखाई दिए। बांध समीप जंगल व खेती क्षेत्र है। जिससे ग्रेटर फ्लेमिंगो के लिए यह स्थान उत्कृष्ट अधिवास है। फ्लेमिंगो गिद्ध से भी बड़ा पंछी है। यह पंछी जायकवाड़ी बांध, उजनी बांध, शिवणी बांध इन नमकीन पानी के तालाब, समुुंदर, खाड़ी के दलदल में बड़े पैमाने पर पाया जाता है। दलदल से भोजन खाते समय यह अपनी चोंच का इस्तेमाल करते हंै। कीट इनके प्रिय खाद्य है। यह पंछी काफी होनहार होते हैं। एक-एक कदम बढ़ाते हुए पानी में पैडलिंग कर हवा में उड़ते हैं। उनकी यह कृति काफी खास होती है।

निसर्गसाथी फाउंडेशन ने किया पक्षी निरीक्षण 

लाल नाला में निसर्गसाथी फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रवीण कडू, यशवंत शिवणकर ने इस पंछी का पहला पंजीयन किया। सामान्य क्रौंच यह सामाजिक पंछी है। प्रतिवर्ष ठंड का मौसम खत्म होते ही यह पंछी अपने देस लौट जाते है। लाल नाला, पोथरा बांध दोनों पंछियों के अधिवास के लिए उत्तम है। इस बांध क्षेत्र में अन्य कुछ नए पंछियों का पंजीयन किया गया है।

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