अधिक रिटर्न का झांसा, 13 साल से ठग रहे थे मेहाड़िया

ईडी अधिक रिटर्न का झांसा, 13 साल से ठग रहे थे मेहाड़िया

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-08 09:51 GMT
अधिक रिटर्न का झांसा, 13 साल से ठग रहे थे मेहाड़िया

डिजिटल डेस्क, नागपुर. पंकज मेहाड़िया घोटाले में हाल ही में ईडी ने नागपुर और मुंबई में 15 ठिकानों पर छापे मारे थे। इस मामले में ईडी ने सोमवार को अपनी प्रेस रिलीज जारी कर जानकारी दी। ईडी ने बताया कि पंकज मेहाड़िया और उससे जुड़े लोग 2004 से 2017 तक पोंजी स्कीम चलाकर लोगों को ठग रहे हैं। अभी तक इसमें 150 करोड़ की ठगी सामने आई है। छापे में 5.51 करोड़ रुपए के सोने और हीरे के आभूषण, लगभग 1.21 करोड़ रुपए की नकदी, डिजिटल उपकरण और विभिन्न दस्तावेज बरामद किए। गौरतलब है कि दैनिक भास्कर ने इस मामले को सिलेसिलेवार ढंग से उजागर किया था, जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ दबिश बढ़ी और ‘ब्लैक एंड ह्वाइट’ मनी का खेल बेनकाब हो गया।
लेन-देन वास्तविक व्यापारिक सौदों के नहीं : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग मामले में पंकज नंदलाल मेहाड़िया, लोकेश संतोष जैन, कार्तिक संतोष जैन, बालमुकुंद लालचंद केयाल, प्रेमलता नंदलाल मेहाड़िया के खिलाफ सीताबर्डी पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की, जिसमें निवेशकों को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ। वे निवेश पर टीडीएस काटने के बाद 12% सुनिश्चित लाभ देने का वादा करके विभिन्न निवेशकों को लुभाते थे। इस प्रकार लालच मंे आकर निवेशकों ने संबंधित फर्मों-कंपनियों में बड़ी मात्रा में निवेश किया, लेकिन उनका पैसा वापस नहीं मिला। मेहाड़िया ने पैसे को डायवर्ट किया, मगर लेन-देन को वैध करने के लिए डमी एंट्रियों के माध्यम से बैंक खातों में 150 करोड़ रुपए से अधिक के लेन-देन प्रभावित हुए हैं। संदेह है कि इनमें से अधिकांश लेन-देन वास्तविक व्यापारिक सौदों के नहीं थे।

ईडी ने संजय से 42 करोड़ से अधिक के बारे में सवाल पूछे

ईडी ने सनविजय ग्रुप के संजय अग्रवाल को सोमवार को पूछताछ के लिए कार्यालय में बुलाया। संजय की पंकज मेहाड़िया और उसके पार्टनर कार्तिक जैन, लोकेश जैन की कंपनियों में सनविजय रोलिंग इंजीनियरिंग, सरेंदर फिस्कल प्रॉ लि., ग्रेस इंडस्ट्रीज, रोलिंग इंजीनियरिंग कंपनी के माध्यम से एंट्रिंया लीं। ईडी ने संजय से करीब 42 करोड़ से अधिक की एंट्रियों से जुड़े सवाल पूछे। हालांकि संजय और पंकज के बीच सूत्रों के अनुसार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब 100 करोड़ का ट्रांजेक्शन है। हालांकि संजय इस पर सीधे-सीधे जवाब नहीं दे पाए। उल्लेखनीय है कि पंकज की कंपनियों में शहर के बड़े-बड़े रसूखदारों ने अपनी ब्लैक मनी को व्हाइट करने के लिए एंट्रियां की थी। अब सब फंसे हुए हैं। ईडी ने हाल ही में संजय के यहां छापा मारकर करीब बड़ी मात्रा में ज्वेलरी और कैश बरामद किए थे।

पंकज की एक कंपनी नंद सन लॉजिस्टिक भी खरीदी थी। पंकज ने इस कंपनी को 5 जुलाई 2017 को दिवालिया घोषित किया था और इसके ठीक दो माह पहले संजय अग्रवाल उनके बेटे सौरभ अग्रवाल और दिव्यम अग्रवाल इस कंपनी में डायरेक्टर के रूप में शामिल हुए थे, जिसमें करोड़ों की एंट्रिंया शहर और उसके बाहर के लोगों की थी।

पंकज को भी वापस कार्यालय बुलाया

संजय के मामले में पंकज मेहाड़िया को भी सोमवार को ईडी के कार्यालय बुलाया गया। उससे संजय और उनकी कंपनियों से जुड़े सवाल किए गए। इसमें कई बड़ी जानकारियां विभाग को मिली है। इसके पहले भी पंकज से लंबी पूछताछ हो चुकी है।

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