सूनी रहीं मंडियां, कामकाज हुए ठप - शुल्क में बढ़ोत्तरी का विरोध, हर तरफ असंतोष, सरकार के रवैये को लेकर जताई नाराजगी
सूनी रहीं मंडियां, कामकाज हुए ठप - शुल्क में बढ़ोत्तरी का विरोध, हर तरफ असंतोष, सरकार के रवैये को लेकर जताई नाराजगी
डिजिटल डेस्क बालाघाट । कृषि विधेयक व आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन के साथ मंडी शुल्क में बढ़ोतरी को लेकर हर तरफ असंतोष हैं। किसानों के साथ मंडी व्यापारियों ने भी इसके विरोध में बंद का आव्हान किया जिसके तहत शुक्रवार को जिले भर की मंडियां पूरी तरह से अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी गई हैं। मध्यप्रदेश में मंडी व्यापारी लगातार नए मॉडल मंडी एक्ट का विरोध करते हुए टैक्स घटाने की मांग कर रहे है। अनाज दलहन, तिलहन व्यापारी महासंघ मप्र के आव्हान पर प्रदेश भर के मंडी व्यापारी के अलावा मंडी अधिकारी, कर्मचारी, हमाल, तुलावटी, रेजा अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है, जिसके चलते मंडियों का कामकाज पूरी तरह ठप हो गया हैं। शुक्रवार को बालाघाट, वारासिवनी, कटंगी, परसवाड़ा, लालबर्रा, की मंडी पूरी तरह से बंद रही तथा किसी प्रकार के भी कामकाज नही हो सकें।
तो मंडी में खरीदी करने पर चुकाना पड़ेगा टैक्स
व्यापारियों का कहना हैं कि प्रदेश सरकार ने मंडियों के बाहर खरीदी करने की अनुमति दे दी हैं ऐसे तो बाहरी व्यापारियों से कोई टैक्स नहीं वसूला जाएगा, लेकिन मंडी में अनाज खरीदने वालों को टैक्स चुकाना पड़ेगा, यह अनुचित है। व्यापारियों ने मंडियों में वसूल किए जाने वाले 1.70 प्रतिशत टैक्स को घटाकर 0.50 प्रतिशत करने की मांग को लेकर यह अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की हैं। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार वर्ष 2003 के पुराने आदर्श कानून की जगह नया आदर्श मंडी कानून ला रही है, जिसके प्रावधानों के माध्यम से सरकार कृषि उपज विपणन समिति कानून में भारी बदलाव लाने की तैयारी में है।
रोजगार से हो जाएगे वंचित
इधर दूसरी तरफ हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों हमालो का कहना है कि सरकार ने जो तीन अध्यादेश लागू किए है जिसमें मंडियों को बंद करने सहित किसान विरोधी हैं। जिससे मंडी के कर्मचारी,अधिकारी व मंडी में काम करने वाले रेंजा, हमाल , तौलकों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि मंडी में व्यापारी धान खरीदी करने आते हैं लेकिन वे जब खरीदी करने आयेगें तो उनसे टैक्स लिया जायेगा और बाहर खरीदने पर नही लिया जायेगा ऐसी स्थिति में वे मंडी नही आयेगे।
इधर वारासिवनी में मंडी कर्मचारियो ने डाला डेरा
जिले की बड़ी मंडी में शुमार वारासिवनी स्थित कृषि उपज मंडी में शुक्रवार 25 सितंबर को कर्मचारियों ने मंडी प्रांगण में ही डेरा डाला। यहां कृषि उपज मंडी में मंडी अधिकारी, कर्मचारी, रेजा हमाल तुलावटी ने हड़ताल की जिसमें सभी ने मंडी परिसर में बैठकर नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया। मंडी अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार के द्वारा कृषि संबंधित तीन अध्यादेश लाकर पास करा दिया गया हंै जिससे सरकार के द्वारा मॉडल एक्ट नाम दिया गया हंै और इससे मंडी का निजी करण होगा वहीं कृषि उपज मंडी बर्बाद हो जाएगी।
हजारो लोगों के घरो का मंडी से जलता हैं चूल्हा
उल्लेखनीय है कि जिले में हजारो लोगों का घर मंडी से चलता हंै, और जब मंडी में किसान व्यापारी आएगा ही नहीं तो मंडी में कार्यरत अधिकारी कर्मचारी रेजा हमाल तुलावटी मजदूरों का क्या होगा, और व्यापारी जब बाहर खरीदी करेगा तो वह शासन के नियमों से बंधा नहीं रहेगा ऐसे में किसान को हानि होगी सस्ते दामों में फसल खरीदी जाएगी। तथा हमाल, रेजा, तुलावटी रोजगार से वंचित हो जाएगे।