पालघर में साधुओं की लिंचिंग मामला - सीबीआई जांच के महाराष्ट्र सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी
अदालत पालघर में साधुओं की लिंचिंग मामला - सीबीआई जांच के महाराष्ट्र सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पालघर में 2020 में तीन साधुओं की लिंचिंग मामले में सीबीआई जांच के महाराष्ट्र सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को हरी झंडी दिखा दी है। अब महाराष्ट्र सरकार मामले की सीबीआई जांच करा सकती है।
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ के समक्ष सुनवाई हुई। इस दौरान महाराष्ट्र सरकार की ओर से यह बताने के बाद कि उसने मामले को सीबीआई को देने का फैसला कर लिया है, पीठ ने कहा कि अब इस मामले में आगे कोई निर्देश की जरुरत नहीं है। इसलिए मामले की सुनवाई बंद कर दी जाती है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार को आज सुप्रीम कोर्ट को बताना था कि उसने सीबीआई जांच को लेकर क्या कार्रवाई की है। 13 अप्रैल को हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वकील सिद्धार्थ धर्माधिकारी ने कोर्ट से दो हफ्ते के समय की मांग करते हुए बताया कि अभी उनको इस मामले में राज्य सरकार के निर्देश का इंतजार है, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई दो सप्ताह के लिए टाल दी थी।
इससे पहले हुई सुनवाई में शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को मामला सीबीआई को सौंपने की इजाजत दे दी थी। अदालत ने कहा था कि अगर मामले की सीबीआई जांच होती है तो हम क्यों दखल दें। अदालत ने सरकार से यह भी कहा था कि वह हलफनामा दाखिल करे कि मामले को सीबीआई को भेजा जा रहा है। सुनवाई के दौरान सीजेआई ने पूछा था कि क्या वह सीबीआई जांच के लिए तैयार है। महाराष्ट्र सरकार ने बताया था कि दो चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। अगर मामले की सीबीआई जांच करती है तो उसे कोई एतराज नहीं है। जबकि तत्कालीन उद्धव ठाकरे सरकार ने हलफनामा दायर कर सीबीआई जांच का विरोध किया था।