विधानमंडल को चोर मंडल वाले बयान को लेकर सात दिनों में मंगाया जाएगा लिखित स्पष्टीकरण
विशेषाधिकार हनन! विधानमंडल को चोर मंडल वाले बयान को लेकर सात दिनों में मंगाया जाएगा लिखित स्पष्टीकरण
डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद संजय राऊत से विधानमंडल को चोर मंडल वाले बयान को लेकर अगले सात दिनों में लिखित स्पष्टीकरण मंगाया जाएगा। राऊत के स्पष्टीकरण मिलने के बाद उनके खिलाफ दाखिल विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव को विधान परिषद की विशेषाधिकार हनन समिति के पास भेजने के बारे में उचित फैसला लिया जाएगा। गुरुवार को विधान परिषद में उपसभापति नीलम गोर्हे ने यह घोषणा की। उपसभापति ने कहा कि राऊत के बयान के खिलाफ सदन में भाजपा सदस्य प्रवीण दरेकर और भाजपा सदस्य राम शिंदे ने विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है।
राऊत के मामले में जांच होना आवश्यक है। लेकिन उससे पहले राऊत का पक्ष भी जानना जरूरी है। इसलिए राऊत से उनके बयान को लेकर सात दिनों में स्पष्टीकरण मंगाया जाएगा। इसके बाद मैं राऊत के मामले को जांच के लिए विशेषाधिकार हनन समिति के पास भेजना है अथवा नहीं। इस बारे में अंतिम फैसला लूंगी। फिलहाल विधान परिषद की विशेषाधिकार हनन समिति का गठन नहीं हुआ है। उपसभापति ने कहा कि राऊत राज्यसभा के सांसद हैं। प्रथा और संकेत के अनुसार किसी संसद सदस्य के खिलाफ दाखिल विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव को संबंधित पीठासीन अधिकारी के पास भेजा जाता है। हमें इस बात को ध्यान में रखते हुए कोई फैसला लेना होगा। इसके पहले बुधवार को राऊत ने कोल्हापुर में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट का नाम लिए बिना कहा था कि वो विधानमंडल नहीं चोर मंडल हैं। राऊत के बयान को लेकर दोनों सदनों में भारी हंगामा हुआ था।