49 हजार 500 हेक्टेयर में खरीफ बुआई का नियोजन
काटोल तहसील 49 हजार 500 हेक्टेयर में खरीफ बुआई का नियोजन
डिजिटल डेस्क, कोंढाली. भीषण गर्मी में भी तहसील के किसान खरीफ फसल की बुआई के लिए खेतों को तैयार करने में जुटे हैं। जिन किसानों के पास बैलगाड़ी है, वह परंपरागत खेती पर जोर दे रहे हैं। वहीं कुछ आधुनिक तकनीक ट्रैक्टर व अन्य साधन से खेत तैयारी कर रहे हैं। नवतपा समाप्त होते ही मानसून के आगमन की प्रतीक्षा किसान कर रहे हंै। पहले सोयाबीन पर जोर देते थे, इस वर्ष किसान सोयाबीन की तुलना में कपास को अधिक पसंद कर रहे हंै। काटोल तहसील में इस वर्ष तकरीबन 49 हजार 500 हेक्टेयर खरीफ बुअाई का लक्ष्य है। इस वर्ष 8 जून से मृग नक्षत्र की शुरुआत होगी। मौसम विभाग के मुताबिक इस साल की शुरुआत में मानसून सक्रिय होने की उम्मीद है, इसलिए किसान खेती में लगा हुआ है। बारिश आने से जुताई कर खेत तैयार करना होता है। पिछले साल हुई भारी बारिश के कारण फसलों पर कीड़ों के प्रकोप से उत्पादन कम होने से किसान निराश थे। किसानों को यकीन है कि इस साल की शुरुआत में बुअाई शुरू हो जाएगी। बताया गया है की पिछले सीजन में विभिन्न कारणों से सोयाबीन की फसल किसानों के हाथ नहीं आई, लेकिन कपास के दाम ज्यादा मिले, इसलिए इस साल किसानों का जोर कपास की खेती पर होने की जानकारी काटोल तहसील के तहसील कृषि अधिकारी सुरेश कन्नाके ने दी हैं।
मजदूरों की कमी से बढ़ी परेशानी
ग्रामीण इलाकों में कृषिकार्य के लिए मजदूर मिलना मुश्किल हो गया है। इससे खरीफ के लिए खेतों को तैयार करने का काम प्रभावित हाे रहा है। ज्यादा मजदूरी देने के बाद भी मजदूर नहीं मिलने से परेशानी बढ़ गई है। रोजगार गारंटी योजना में पंजीयन कराने वालों को सरकार वेतन दे रही है। इसलिए, ऐसी स्थिति है जहां कृषि कार्य के लिए पुरुष और महिलाएं उपलब्ध नहीं हैं। नतीजतन कई किसानों को ट्रैक्टरों के साथ इंटरक्रॉपिंग करना पड़ता है। कहीं-कहीं पुरुष मजदूरों को दो सौ से तीन सौ रुपए प्रतिदिन के हिसाब से देने पड़ते हैं। किसानों को अन्य गांवों से मजदूरों को लाना पड़ रहा है।