कल्याणी बहनों की पेंशन फिर प्रारंभ होगी, स्मारक भी बनेगा : मुख्यमंत्री श्री चौहान भोपाल गैस त्रासदी की बरसी पर श्रद्धांजलि और सर्व धर्म प्रार्थना सभा हुई

कल्याणी बहनों की पेंशन फिर प्रारंभ होगी, स्मारक भी बनेगा : मुख्यमंत्री श्री चौहान भोपाल गैस त्रासदी की बरसी पर श्रद्धांजलि और सर्व धर्म प्रार्थना सभा हुई

Bhaskar Hindi
Update: 2020-12-05 08:21 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क, देवास। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि गैस त्रासदी की घटना में विधवा हो गईं प्रत्येक कल्याणी बहन को एक-एक हजार रुपये की मासिक पेंशन पुन: प्रारंभ की जाएगी। यह पेंशन नियमित रूप से कल्याणी महिलाओं को मिलती थी। वर्ष 2019 में यह पेंशन बंद कर दी गई थी, जिसे फिर से प्रारंभ किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राजधानी में गैस त्रासदी से संबंधित एक विशिष्ट स्मारक भी होना चाहिए। शीघ्र ही यह प्रकाश स्तम्भ स्मारक बनाया जाएगा जो प्रेरणा का कार्य करेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान भोपाल गैस त्रासदी की 36वीं बरसी पर आज भोपाल के बरकतउल्ला भवन में आयोजित सर्वधर्म प्रार्थना सभा को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने गैस त्रासदी में दिवगंत और प्रभावित भोपाल के नागरिकों की प्रतीक प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भोपाल गैस त्रासदी से प्रभावित लोगों के समक्ष स्वास्थ्य की गंभीर चुनौतियां खड़ी हो गईं थीं। इनको प्राथमिकता से उपचार की पूरी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। कोरोना काल के संकट को देखते हुए ऐसे रोगियों के उपचार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यही नहीं स्वच्छ नर्मदा जल भी पुराने और नए भोपाल के नागरिकों को मिल रहा है। गैस त्रासदी से संबंधित कचरा निपटान की व्यवस्थाएं की गईं हैं। इन्हें और बेहतर बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमें विकास का ऐसा मॉडल बनाना है जो मानव- हितैषी हो। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इंसान ने अपने सुख की खातिर मानवता को संकट में डाला। बिगड़ता पर्यावरण विनाश का कारण बनता है। परमाणु बम से जहां निर्दोष नागरिक मारे जाते हैं वहीं कीटनाशकों के निर्माण के भी भयावह परिणाम भी देखने को मिलते हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह धरती सभी के लिए बनी है। मनुष्यों के साथ पशु-पक्षी, कीट-पतंग, नदी-समुद्र, पेड़-पौधे सभी धरा के हिस्से हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वर्ष 1984 में हुई भोपाल गैस त्रासदी के दुष्प्रभावों का जिक्र करते हुए बताया कि सड़कों पर बदहवास दौड़ रहे लोग तेज सांस चलने के कारण जहरीली गैस से मौत के आगोश में समा गए थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मैं अनेक नागरिकों के साथ-साथ पशुओं की दर्दनाक मृत्यु का साक्षी भी रहा हूँ। वास्तव में वे सभी घटनाएं हृदय विदारक और जीवन की दु:खद पीड़ा बन गई हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश की जनता की तरफ से गैस त्रासदी के दिवंगतों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। प्रार्थना सभा में विभिन्न धर्मों के गुरुओं ने पवित्र ग्रंथों के चयनित अंशों का पाठ करते हुए मानव-कल्याण की कामना की। सनातन धर्म की ओर से पं. रमेश त्रिपाठी, इस्लाम धर्म की ओर से काजी सैयद मुश्ताक अली, सिख समाज के धर्म गुरु श्री ज्ञानी गुरुभेज सिंह, क्रिश्चियन धर्म की ओर से मारिया स्टीफन, जैन धर्म की ओर से श्री वीर कुमार, बौद्ध धर्म की ओर से शाक्यपुत्र सागर भंते, बोहरा समाज की ओर से शेख शकीर ने मानव-कल्याण के लिए प्रार्थना की। इस अवसर पर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठक व्यवस्था की गई थी। इस अवसर पर भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री श्री विश्वास सारंग, विधायक श्री पी. सी. शर्मा, पूर्व विधायक श्री रमेश शर्मा गुट्टू भैया, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव श्री मोहम्मद सुलेमान, कमिश्नर भोपाल श्री कवींद्र कियावत सहित भोपाल जिला प्रशासन के अधिकारी, जनप्रतिनिधिगण, विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन श्री संतोष तिवारी ने किया। समस्त उपस्थितों ने गैस त्रासदी में दिवगंत नागरिकों को दो मिनिट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी।

Similar News