जयपुर: प्रदेश में कोरोना नियंत्रण के सराहनीय प्रयास टेस्ट की क्षमता बढाएं, कोरोना के ग्राफ को नीचे लाने का मिलकर प्रयास करें - मुख्य सचिव
जयपुर: प्रदेश में कोरोना नियंत्रण के सराहनीय प्रयास टेस्ट की क्षमता बढाएं, कोरोना के ग्राफ को नीचे लाने का मिलकर प्रयास करें - मुख्य सचिव
डिजिटल डेस्क, जयपुर। प्रदेश में कोरोना नियंत्रण के सराहनीय प्रयास टेस्ट की क्षमता बढाएं, कोरोना के ग्राफ को नीचे लाने का मिलकर प्रयास करें। मुख्स सचिव श्री निरंजन आर्य ने कहा मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राज्य में कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के निरंतर सराहनीय प्रयास हुए है। यहां तक कि राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को देश दुनिया द्वारा भी अपनाया गया है। प्रदेश में टेस्ट की क्षमता भी निरंतर बढाई जा रही है, परंतु हाल ही में त्यौहारी सीजन, शादी, चुनाव एवं सर्दी के कारण हाल के आंकडे़ चिंताजनक है जिसके लिए हमें पूर्ण प्रयास करने है कि आंकड़े कम से कम हो और कोरोना के कर्व को हम समतल कर सके। मुख्य सचिव शुक्रवार को अपने कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न विभागों के उच्च अधिकारी, जिला कलक्ट्रर्स एवं डॉक्टर्स के साथ कोविड-19 की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने दो घण्टे की वीडियो कॉन्फ्रेंस में जिला कलेक्ट्रर्स, पुलिस अधीक्षक, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, पुलिस अधिकारियों से संवाद किया। उन्होंने उन से कोविड-19 की वर्तमान वस्तु स्थिति को जानते हुए कोरोना के ग्राफ को नीचे लाने के लिए भविष्य की रणनीति पर, पोस्ट कोविड की जटिलताओं की रणनीति पर तथा केन्द्र सरकार से मांगी जाने वाली सहायता एवं उन्हें भेजे जाने वाले सुझावों तथा कोविड की रोकथाम के लिए अन्य देशों द्वारा उठाए गए विशेष कदमों को शमिल करते हुए स्वतंत्र सुझाव आमंत्रित किये। श्री आर्य ने कहा वर्तमान में मास्क ही कोरोना की वैक्सीन है। राजस्थान देश का पहला राज्य है जहां मास्क लगाने के लिए ’’जन आंदोलन’’ प्रारंभ किया गया है। उन्होंने कहा वर्तमान में लोगों का जीवन बचाना ही हमारी प्राथमिकता है। लोग मास्क पहने, हाथ धोएं, एवं सोशल डीस्टेसिंग के नियम का सख्ती से पालन करें। उन्होंने संबंधित अधिकारियों एवं जिला कलेक्ट्रर्स को निर्देशित किया कि वे कोरोना की लडाई में कोई कमी न होने दे और इस कोरोना के ग्राफ को नीचे लाने के लिए ज्यादा से ज्यादा कम्यूनिटी टेस्िंटग करवाएं, पर्याप्त संख्या में ऑक्सीजन एवं आई सी यू बैड, वेन्टीलेटर सहित अन्य सुविधाएं की उपलब्धता सुनिश्चित करें, साथ ही नाईट कफ्र्यू का कडाई से पालन करायें। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी जन जागरूकता अभियान को चलाना सुनिश्चत करायें। डोर-टू-डोर कोरोना सर्वे एवं पल्स ऑक्सीमीटर द्वारा आक्सीजन की भी व्यापक जांच कराई जाए और वेन के माध्यम से सैंपल का कलेक्शन भी किया जाए। होम आईसोलेशन एवं होम क्वराईन्टाइन होने पर 14 दिन तक सख्ती से पालन करें। बैठक में शासन सचिव, चिकित्सा शिक्षा विभाग श्री वैभव गालरिया ने बताया कि देश के बड़े राज्यों से राजस्थान में कोविड-19 की मृत्यु दर कम है यह प्रदेश में सुनियोजित तरह से लगाए लॉकडाउन, टेस्िंटग आदि की रणनीति के कारण संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि इस समय संक्रमण को नियंत्रण करने के लिए हमें और विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है, इसके लिए एक्टिव सर्विलांस बढ़ाते हुए टेस्टींग बढ़ाने पर जोर देना होगा। शासन सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री सिद्धार्थ महाजन ने कहा कि प्रदेश में अक्टूबर माह के बाद संक्रमण बढ़ा है जिसके कारण सरकार ने 8 जिलों में रात्रि कफ्र्यू लागू किया है। हमें छोटे अस्पतालों में भी बेड बढ़ाने पर जोर देते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में और अधिक टेस्ट करवानें एवं जन जागरूकता अभियान को फैलाने की जरूरत है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी मास्क लगाना, सोशल डिस्टेसिंग के साथ ही सही प्रोटोकाल लागू किया जा सके क्याेंकि जागरूकता ही निवारण है। राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार ने बताया कि गांवोें में भी रेन्डम सेम्पलिंग करके टेस्िंटग बढ़ानी चाहिए। टारगेटेड कांटेक्ट टे्रसिंग करनी चाहिए, जिसे हम समय पर ट्रीटमेंट दे सकें, समय पर उपचार होने से कोरोना के ग्राफ को कम कर सकते है साथ ही इसकी मृत्यु दर पर भी रोक लगाई जा सकती है। लोग सही तरह से हाथ धोए, मास्क लगाए, सोशल डिस्टेसिंग की पालना करें तो हम इस कोविड-19 कर्व को नीचे ला सकते है। उन्होंने बताया कि जो लोग कोरोना से ग्रसित हुए हैं उन्हें पोस्ट कोविड ट्रीटमेंट के लिए भी जागरूक करें। उन्होेंने बताया कि वेक्सीन आने से पहले हमें उसके स्टोरेज, ट्रांस्पोर्ट से संबंधित पूरी तैयारी सुनिश्चत करना बेहद जरूरी है।