साल के अंत तक तैयार होगा भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल- मानसून से बन जाएगा मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक का ढांचा
लक्ष्य साल के अंत तक तैयार होगा भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल- मानसून से बन जाएगा मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक का ढांचा
डिजिटल डेस्क, मुंबई, सुजीत गुप्ता। शिवडी से न्हावा शेवा को जोड़ने वाले 21 किमी लंबे मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक का ढांचा मानसून से पहले तैयार हो जाएगा।इस परियोजना का 92 फीसदी काम हो चुका है। फिलहाल मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएमआरडीए) शहर में मानसून आने से पहले मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल) पर वायडक्ट लॉन्च का काम पूरा करने की योजना बना रही है ताकि परियोजना को साल के अंत से पहले पूरा किया जा सके। इस प्रोजेक्ट का 16.5 किमी का हिस्सा समुद्र से होकर गुजरेगा और 5.3 किमी का हिस्सा भूमि पर होगा।
समुद्र पर बन रहे इस पुल को जोड़ने के लिए कुल 70 ऑर्थोट्रोपिक स्टील डेक (ओएसडी) लॉन्च किया जाना था। इसमें से 55 स्पैन लॉन्च किए जा चुके हैं और शेष 15 जो कि लगभग 1.9 किमी का है उसे मई के अंत तक लॉन्च किया जाएगा। समुद्र पर जो ओएसडी लॉन्च किए जा रहे हैं इसकी लंबाई 90 मीटर से 180 मीटर है।इस ओएसडी को लाने और लॉन्च करने के लिए एक सॉकर मैदान के आकार का एक विशेष बार्ज बनाया गया है। इसकी लंबाई 4.7 किमी है। इस परियोजना में ओएसडी अधिरचना के किए 85 हजार टन स्टील का उपयोग किया गया है। ओएसडी स्पैन सुपरस्ट्रक्चर की लागत करीब 4,300 करोड़ रुपये होगी।
ड्राइव के दौरान दिखेगा समुद्री नजारा
ट्रांस हार्बर लिंक पर गाड़ी चलाते समय वाहन चालकों को दूर तक फैले समंदर का नजारा देखने को मिले इसलिए एमएमआरडीए ने 1,550 मिमी की ऊंचाई पर वाहन क्रैश बैरियर लगाने शुरू कर दिए है।अधिकारियों के मुताबिक, यह कंक्रीट और मेटल का कॉम्बिनेशन है, जिसके ऊपर 900 एमएम हाई कंक्रीट सेक्शन और 650एमएम हाई मेटल रेल है।
70 हजार वाहनों का होगा आवागमन
एमटीएचएल के पूरा होने पर ये भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल होगा और उम्मीद है कि रोजना इस पर से70,000 वाहन गुजरेंगे। मुंबई में शिवडी और शिवाजी नगर और नवी मुंबई के चिरले में एनएच-4बी पर इंटरचेंज होंगे
इंजीनियरिंग चमत्कार
एस वी आर श्रीनिवास कमिश्नर,एमएमआरडीए, एम एम आर के मुताबिक यह एक इंजीनियरिंग चमत्कार को बदौलत संभव हो पा रहा है, मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक के शुरू हो जाने पर मुंबई की कनेक्टिविटी बेहतर हो जाएगी। इस परियोजना को इसी साल दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य है। इस परियोजना का 92 फीसदी काम पूरा हो चुका है जबकि पिछले साल ये काम महज 51 फीसदी पूरा हुआ था।