बगावत पर नहीं चला बस... कांग्रेस-भाजपा दोनों के बागी मैदान में, रोचक हुई चुनावी तस्वीर
छिंदवाड़ा बगावत पर नहीं चला बस... कांग्रेस-भाजपा दोनों के बागी मैदान में, रोचक हुई चुनावी तस्वीर
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। टिकट वितरण के बाद से उपजा असंतोष तमाम प्रयासों के बाद भी प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस और भाजपा शांत नहीं कर पाए। तमाम प्रयासों के बावजूद भी बागियों पर दलों का बस नहीं चल सका। बागियों के मैदान में डटे रहने से दलों में ए और बी टीम की स्थिति बन गई है। ए टीम यानी दल और उनके प्रत्याशी व बी मतलब असंतुष्ट और उनके महापौर व पार्षद प्रत्याशी। दोनों दलों में हुई बेजा बगावत ने नगरनिगम चुनाव की तस्वीर रोचक बना दी है। दलों के प्रत्याशियों की तरह ही बागी प्रत्याशियों के तेवर भी मुकाबला जोरदार होने की ओर इशारा कर रहे हैं। महापौर के अलावा लगभग सभी ४८ वार्डों में पार्टी प्रत्याशियों के साथ बागियों का भी खासा बोलबाला है। कुछ वार्डों में तो बागी यानी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी ही चर्चा में हैं।
नाम वापसी की अवधि पूरी होने के बाद नजर आए:
- कांग्रेस से बागी होकर महापौर पद के लिए चुनाव मैदान में उतरे बालाराम परतेती उनके खेमे के असंतुष्ट कांग्रेसियों ने मंगलवार सुबह से फोन उठाना बंद कर दिया था। कहा जा रहा है कि पूरी टीम बाहर चली गई थी। बुधवार को नाम वापसी की अवधि पूरी होने के बाद वे मैदान में नजर आए।
- महापौर सहित सभी ३० वार्डों में प्रत्याशी उतारने का दावा कर रहे भाजपा के बागी जितेंद्र शाह सहित सभी वार्ड प्रत्याशी मोबाइल स्वीच ऑफ कर बाहर चले गए थे। बुधवार को नाम वापसी की प्रक्रिया पूरी होते ही वे चुनाव चिन्ह हाथ में लेकर नजर आए।
आखिरी पल तक जारी रहा प्रयास:
भाजपा: यहां प्रमुख पदाधिकारी पिछले दो दिनों से मानमनौव्वल में लगे हुए थे। जबकि नाम वापसी के अंतिम दिन बुधवार को भाजपा जिला अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारी मैदान में नजर आए। उन्होंने असंतुष्टों को कलेक्ट्रेट ले जाकर पर्चा उठवाया। हालांकि उनके यह प्रयास नाकाफी रहे।
कांग्रेस: यहां भी नेता व पदाधिकारी पूरे दिन अपने असंतुष्टों के नाम वापस कराने सक्रिय रहे। महापौर पद व कुछ वार्डों से भरे गए असंतुष्टों के पर्चे उठवाने में उन्हें सफलता भी मिली लेकिन अधिकांश वार्ड में उनके बागी मैदान में ताल ठोंक रहे हैं।