11 माह में रापनि की 63 बसें हुई दुर्घटना ग्रस्त, राज्य परिवहन निगम तेज गति वाहन नहीं चलाने देता

हादसे 11 माह में रापनि की 63 बसें हुई दुर्घटना ग्रस्त, राज्य परिवहन निगम तेज गति वाहन नहीं चलाने देता

Bhaskar Hindi
Update: 2023-04-11 12:44 GMT
11 माह में रापनि की 63 बसें हुई दुर्घटना ग्रस्त, राज्य परिवहन निगम तेज गति वाहन नहीं चलाने देता

डिजिटल डेस्क, अकोला. देश में कई कंपनियां विभिन्न प्रकार के वाहन निर्माण कर रही है। वाहनों में सभी प्रकार की सुविधाओं के साथ उनक गति भी काफी होती है, वाहन चालक जल्दबाजी में कई बार वाहन से नियंत्रण खो बैठते हैं तथा वाहन दुर्घटना ग्रस्त हो जाता है। इन हादसों में कई बार जान भी चली जाती है, इसके अनुपात में निगम की बसें पुराने तथा गति की क्षमता को बांधकर सड़कों पर चलती है। बस चालकों को नियमित मार्गदर्शन तथा वे यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान रखते हुए मार्गक्रमण करते हैं। जिससे निगम की बसें कम प्रमाण में दुर्घटनाग्रस्त होती है। जानकारी के अनुसार मई 2022 से 31 मार्च 2023 तक अकोला विभाग के अंतर्गत आने वाले 9 डिपो की बसों में 63 दुर्घटनाएं घटी है जिसमें 27 लोग गंभीर तथा 35 नागरिक आंशिक रूप से घायल हुए है। जबकि बस से टकरा कर दो दुपहिया वाहन चालक की मौत  हो गई। 

वाहन चालकों की होती है काउंिसलिंग 

निगम की बसों से हादसा होने के पश्चात अधिकारी हादसे की पूरी जानकारी संग्रहित करते हुए हादसे के लिए जिम्मेदारी तय की जाती है। दुर्घटना के पश्चात जिस बस चालक से हादसा हुआ है उस चालक को तीन दिन से लेकर 7 दिनों तक काऊंसलिंग की जाती है। दुर्घटना रोकने के लिए विशेषज्ञ चालक से बातचीत करते हुए उन्हें मार्गदर्शन करते हैं कि बस दुर्घटना ग्रस्त न हो इसके लिए क्या उपाययोजना किया जाए। बस चलाने के दौरान मोबाइल पर बात न करना, सड़क पर बस चलाने के दौरान सतर्कता बरतना, वाहन को किस तरह चलााया इसकी जानकारी देते हुए समुपदेशन किया जाता है। 

विभाग में 65 दुर्घटनाएं

अकोला विभाग के अंतर्गत अकोला तथा वाशिम जिला आत है। दोनों जिले के अकोला डिपो क्रमांक 1, 2  के अलावा अकोट, तेल्हारा, मूर्तिजापुर, कारंजा, मंगरूलपीर, रिसोड, वाशिम समेत 9 डिपो आते हैं। डिपो के अंतर्गत चलने वाली बसों से मई माह 2022 से 31 मार्च 2023 तक 63 दुर्घटनाओं की वारदात घटी। इन हादसों में दो दुपहिया चालक की मौत हो गई है। बस से होने वाले हादसों की पूरी तरह से जांच कर दोषी तय किया जाता है। इसके लिए स्वतंत्र विभाग मामले की गंभीरता से जांच करता है।

11  माह में हुए हादसे 

विगत चार माह की हड़ताल के पश्चात निगम की बसे मई माह से सड़क पर दौड़ना आरंभ हो गई थी। निगम के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मई माह में 10 दुर्घटना की घटना घटी जिसमें 5 आंशिक व 5 गंभीर रूप से घायल हुए, जून माह में 6 घटनाओं में 5 आंशिक व एक गंभीर , जुलाई माह में 8 घटनाओं में 5 गंभीर, तीन आंशिक व एक की मौत हो गई, (घटना में मृत दुपहिया चालक तेजी गति से वाहन चलाते समय बस से टकरा गया था), अगस्त माह में 3 दुर्घटनाओं में 3 आंशिक  व 2 गंभीर, सितंबर माह में 6 दुर्घटनाओं में 4 आंशिक व दो गंभीर, अक्टूबर माह में 4 गंभीर, 2 आंशिक तथा एक दुपहिया चालक की मौत हो गई थी, नंवबर माह में 7 दुर्घटनाओं में 4 आंशिक व 3 गंभीर रूप से घायल हो गए जबकि 26 दिसंबर तक 2 दुर्घटनओं में 2 आंशिक रूप से घायल हो गए थे। जनवरी माह में   5 हादसे में 2 आशिंक, 3 गंभीर, फरवरी माह में 6 दुर्घटनाएं, 4 आंशिक, 2 गंभीर, मार्च माह में 3 हादसों में 1 आंशिक तथा 2 गंभीर रूप से घायल हो गए। 

नागरिकों की सुरक्षा पहला कार्य

सविता नागवंशी, सुरक्षा यातायात अधिकारी के मुताबिक निगम की बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों को सुरक्षित उनके गंतव्य पर पहुंचना पहला उद्देश्य है। दुर्घटना के पश्चात हादसे की पूरी जानकारी  ली जाती है, यदि चालक दोषी पाए जाते हैं तो उन पर नियमानुसार कार्रवाई कर उनकी काऊंसलिंग की जाती है। 

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