जयपुर: महिला सशक्तीकरण की दिशा में मुख्यमंत्री का महत्वपूर्ण निर्णय उचित मूल्य की दुकानों में महिलाओं को मिलेगा 30 प्रतिशत आरक्षण
जयपुर: महिला सशक्तीकरण की दिशा में मुख्यमंत्री का महत्वपूर्ण निर्णय उचित मूल्य की दुकानों में महिलाओं को मिलेगा 30 प्रतिशत आरक्षण
डिजिटल डेस्क, जयपुर। महिला सशक्तीकरण की दिशा में मुख्यमंत्री का महत्वपूर्ण निर्णय उचित मूल्य की दुकानों में महिलाओं को मिलेगा 30 प्रतिशत आरक्षण, मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने जनघोषणा पत्र में किए गए वादों में से एक और वादा पूरा करते हुए महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। प्रदेश में अब सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित मूल्य की दुकानों के आवंटन में 30 प्रतिशत दुकानें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। इसके लिए मुख्यमंत्री ने उचित मूल्य दुकान आवंटन नीति में संशोधन को मंजूरी दे दी है। उल्लेखनीय है कि जनघोषणा पत्र में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत महिलाओं को दुकान आवंटन में आरक्षण देने की घोषणा की गई थी। मुख्यमंत्री की ओर से दुकान आवंटन नीति में संशोधन को मंजूरी मिलने से यह जनघोषणा अब मूर्तरूप ले सकेगी। गौरतलब है कि दो वर्ष से कम समय में ही जनघोषणा पत्र की 501 घोषणाओं में से अब तक सतत प्रक्रिया सहित 257 घोषणाएं पूरी हो गई हैं तथा 176 प्रगतिरत हैं। उचित मूल्य दुकान आवंटन नीति में किए गए संशोधन के अनुसार नवसृजित सहित सभी रिक्तियों में बेरोजगार महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण रखा जाएगा। यह वर्तमान तथा भविष्य में जारी होने वाली सभी रिक्तियों में लागू होगा। जनजाति उपयोजना के अनुसूचित क्षेत्रों में कुल रिक्तियों में से 45 प्रतिशत रिक्तियां अनुसूचित जनजातियों एवं 5 प्रतिशत अनुसूचित जातियों के स्थानीय सदस्यों के लिए होंगी। जनजाति उपयोजना के अनुसूचित क्षेत्रों की महिलाओं को दिया जाने वाला 30 प्रतिशत आरक्षण अनारक्षित वर्ग के 50 प्रतिशत में, अनुसूचित जनजाति के 45 प्रतिशत में तथा अनुसूचित जाति के 5 प्रतिशत निर्धारित कोटे में ही दिया जाएगा। इसी प्रकार, बारां जिले के किशनगंज एवं शाहबाद तहसील क्षेत्रों की कुल रिक्तियों में 45 प्रतिशत दुकानें स्थानीय सहरिया आदिम जाति तथा 5 प्रतिशत स्थानीय अनुसूचित जाति के आवेदकों को आवंटित की जाएंगी और शेष 50 प्रतिशत रिक्तियां अनारक्षित वर्ग के लिए होंगी। महिलाओं को देय 30 प्रतिशत आरक्षण अनारक्षित वर्ग के 50 प्रतिशत में, स्थानीय सहरिया आदिम जाति के 45 प्रतिशत में तथा स्थानीय अनुसूचित जाति के 5 प्रतिशत के निर्धारित कोटे में ही दिया जाएगा। श्री गहलोत के इस महत्वपूर्ण निर्णय से महिलाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे और वे आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ सकेंगी।