गंभीर अवस्था में अस्पताल में कराया भर्ती, स्टार हेल्थ इंश्योरेंस ने कहा-नहीं थी इलाज की जरूरत

बीमित का आरोप: क्लेम डिपार्टमेंट व ब्रांच के अधिकारी कर रहे आम लोगों के साथ गोलमाल गंभीर अवस्था में अस्पताल में कराया भर्ती, स्टार हेल्थ इंश्योरेंस ने कहा-नहीं थी इलाज की जरूरत

Bhaskar Hindi
Update: 2022-09-06 10:33 GMT
गंभीर अवस्था में अस्पताल में कराया भर्ती, स्टार हेल्थ इंश्योरेंस ने कहा-नहीं थी इलाज की जरूरत

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। गंभीर अवस्था में या फिर बेहोशी की अवस्था में अस्पताल में इलाज के लिए मरीज को भर्ती कराया जाता है तो बीमा कंपनी उसे मानने तैयार नहीं होती है। मरीज के इलाज में किसी भी तरह का सहयोग करने से हाथ खड़े कर देती है। स्थिति यह होती है कि बीमित को बीमा होने के बाद भी स्वयं के खर्च पर इलाज कराना मजबूरी हो जाती है। क्लेम के लिए सारे दस्तावेज व बिल बीमा कंपनी में सबमिट किया जाता है तो यह कह दिया जाता है कि आपको घर पर रहकर इलाज कराने की जरूरत थी ना की अस्पताल में भर्ती होना था। कई तरह के गोलमाल जवाब देकर बीमा कंपनी के अधिकारी क्लेम देने से इनकार कर देते हैं। बीमित दोबारा संपर्क करना चाहे तो नंबर ब्लॉक कर दिया जाता है और मेल का भी जवाब देना बीमा अधिकारी बंद कर देते हैं।

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ 

स्वास्थ्य बीमा से संबंधित किसी भी तरह की समस्या आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर के मोबाइल नंबर -9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

बनारस के निजी अस्पताल ले जाना पड़ा था बेहोशी की हालत में

सिंगरौली साईं नगर वार्ड नंबर 8 निवासी विजय कुमार अग्रहरि ने अपनी शिकायत में बताया कि स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से वे कई सालों से बीमा कराते हुए आ रहे हैं। पॉलिसी क्रमांक पी/170000/01/2023/003483 का कैशलेस कार्ड भी मिला है। अगस्त 2022 में अचानक स्वास्थ्य खराब होने के कारण वह बेहोश हो गया था। बेहोशी की अवस्था में निजी अस्पताल में परिजनों ने भर्ती कराया था। वहाँ से बनारस रेफर कर दिया गया था। बनारस के निजी अस्पताल में इलाज चला और वहाँ पर कैशलेस कार्ड दिया तो बीमा कंपनी ने कैशलेस से इनकार कर दिया।

कैशलेस से इनकार किए जाने के कारण अस्पताल का पूरा भुगतान अपने पास से जमा करना पड़ा। इलाज के बाद बीमा कंपनी में सारे बिल व रिपोर्ट जब सबमिट किया गया तो बीमा कंपनी ने अनेक प्रकार की क्वेरी निकाली। बीमा कंपनी को सारी क्वेरी के बारे में जब जानकारी देते हुए बिल सत्यापित कराकर दिया तो जल्द क्लेम देने का वादा तो किया गया, पर अचानक लैटर भेज दिया की आपको घर पर रहकर इलाज कराना था, अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत ही नहीं थी। बीमित ने बताया कि वह बेहोशी की अवस्था में अस्पताल पहुँचा था और आप घर पर इलाज कराने की बात कह रहे हैं तो उक्त बात को बीमा अधिकारी मानने तैयार नहीं हैं। पीड़ित का आरोप है कि बीमा कंपनी के जिम्मेदार आम लोगों के साथ गोलमाल कर रहे हैं।

 

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