जीएन साईंबाबा को बरी करने हाईकोर्ट का आदेश रद्द, अपीलों पर चार महीने के भीतर करनी होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट जीएन साईंबाबा को बरी करने हाईकोर्ट का आदेश रद्द, अपीलों पर चार महीने के भीतर करनी होगी सुनवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2023-04-19 13:10 GMT
जीएन साईंबाबा को बरी करने हाईकोर्ट का आदेश रद्द, अपीलों पर चार महीने के भीतर करनी होगी सुनवाई

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जी एन साईबाबा को नक्सलियों से कथित संबंध के आरोप से बरी करने के बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच के आदेश को रद्द कर दिया। साथ ही अदालत ने हाईकोर्ट को यह भी निर्देश दिया है कि अपीलों का चार महीने के भीतर निपटारा किया जाए।   

जस्टिस एमआर शाह की अध्यक्षता वाली पीठ ने आज महाराष्ट्र सरकार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की, जिसमें साईंबाबा और पांच अन्य को आतंकवाद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम,1967 के तहत दोषी ठहराए जाने और आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ अपील की अनुमति देने के हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी। इस दौरान पीठ ने हाईकोर्ट से यह भी कहा कि वब साईबाबा की अपील और अन्य आरोपियों की अपील उसी पीठ के समक्ष न रखे, जिसने उन्हें आरोपमुक्त किया था। मामले की सुनवाई किसी अन्य पीठ द्वारा की जाए।

शीर्ष अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि हाईकोर्ट मंजूरी सहित मामले में उठने वाले सभी सवालों पर विचार कर सकता है। साथ ही कहा कि संबंधित पक्षों के लिए उपलब्ध सभी तर्क और बचाव हाईकोर्ट द्वारा विचार किए जाने के लिए खुले रहेंगे। गौरतलब है कि गत 15 अक्टूबर 2022 को अवकाश के दिन महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साईबाबा और अन्य पांच को नक्सलियों से कथित संबंध के आरोप से बरी करने और जेल से उनकी रिहाई के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। 
 

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