हाईकोर्ट ने पूछा- पोल्ट्री वेस्ट के डिस्पोजल के लिए क्या है इंतजाम
हाईकोर्ट ने पूछा- पोल्ट्री वेस्ट के डिस्पोजल के लिए क्या है इंतजाम
डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस संजय द्विवेदी की डिवीजन बैंच ने राज्य सरकार से पूछा है कि पोल्ट्री वेस्ट के डिस्पोजल के लिए क्या इंतजाम किए हैं। इसके साथ ही डिवीजन बैंच ने इस संबंध में जानकारी पेश करने का निर्देश दिया है कि बर्ड फ्लू की जाँच के लिए राज्य एवं संभागीय स्तर पर डीआई लैब बनाने के लिए अभी तक क्या किया गया है। राज्य सरकार को जवाब पेश करने के लिए 6 सप्ताह का समय दिया गया है।
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया कि मध्यप्रदेश सहित 11 राज्यों में बर्ड फ्लू फैल रहा है। राज्य सरकार ने बर्ड फ्लू रोकने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं किए हैं। वर्ष 2006 में हाईकोर्ट के निर्देश पर हाई पावर कमेटी ने बर्ड फ्लू रोकने के लिए कई महत्वपूर्ण सिफारिशें की थीं, लेकिन 15 साल बाद भी उन सिफारिशों को लागू नहीं किया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने तर्क दिया कि पोल्ट्री फार्म से निकलने वाले ब्रोकन एग, मृत मुर्गे और मुर्गियाँ एवं अन्य वेस्ट का वैज्ञानिक तरीके से डिस्पोजल नहीं किया जा रहा है। इससे बर्ड फ्लू फैलने का खतरा बना रहता है। इसके साथ ही हाई पावर कमेटी की सिफारिश के अनुसार राज्य एवं संभागीय स्तर पर डीआई लैब नहीं बनाई गई है। राज्य सरकार केवल यह कहकर बचने का प्रयास कर रही है कि पोल्ट्री वेस्ट के डिस्पोजल और डीआई लैब बनाने का काम प्रगति पर है। इस मामले में अभी तक ठोस जवाब पेश नहीं किया गया है। सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने पोल्ट्री वेस्ट के डिस्पोजल और डीआई लैब के बारे में 6 सप्ताह में जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। राज्य सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने पक्ष प्रस्तुत किया।